सकरौरा के प्रसिद्ध धनुषयज्ञ महोत्सव का हुआ समापन



रजनीश / ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। सकरौरा का प्रसिद्ध धनुषयज्ञ महोत्सव का समापन हो गया वहीं मौर्यनगर की रामलीला का मंचन रामायण पूजन के साथ प्रांरभ हो गया। 


यहां की रामलीला 13 नवंबर तक चलेगी। श्री धनुषयज्ञ महोत्सव समिति सकरौरा के रंगमंच पर बीती रात परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला मंचित की गयी। 


जिसे देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। मिथिला में शिव धनुष भंग होने पर तपस्यारत परशुराम का ध्यान भंग हो जाता है और वे भी मिथिला पहुंच जाते हैं। 


मिथिला में मौजूद सभी राजागण उन्हें देखकर भयभीत हो जाते हैं। जनक जी स्वयं प्रणाम करके सीता का परिचय कराते हैं। विश्वामित्र जी राम, लक्ष्मण से प्रणाम कराते हैं। 


टूटा हुआ धनुष देखकर परशुराम क्रोधित हो जाते हैं और जनक जी से कारण पूछते हैं। परशुराम के क्रोध को देखकर लक्ष्मण सामने आते हैं। दोनों में काफी देर तक संवाद होता है और अंत में जब परशुराम को विश्वास हो जाता है कि श्रीराम साक्षात भगवान विष्णु के अवतार हैं तो वे दोनों भाइयों की वंदना करके तप के लिए वन को प्रस्थान करते हैं। 


लीला में शचीन्द्रनाथ मिश्रा, अंशुल शुक्ला, आशुतोष दुबे, शिवम दुबे, वीरेन्द्र मिश्रा का अभिनय सराहा गया। पात्रों का श्रृंगार रितेश सोनी और उनके सुपुत्र आयुष सोनी ने तथा लीला का संचालन श्रीभगवान साह व पन्नालाल सोनी ने किया। 


लीला के मध्य गोलू छलिया ग्रुप द्वारा आकर्षक नृत्य नाटिकायें भी प्रस्तुत की गयीं। इसी के साथ इस वर्ष की लीला संपन्न हो गयी।

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