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मनकापुर में एक ऐसा विद्यालय जहां कभी कभी दस्तखत करने के लिए ही स्कूल का ताला खोलते है गुरु जी



गोण्डा:विद्यालय तो विशेष दिन यानी छुट्टियों के अवसर पर सरकारी निर्देशानुसार बंद करने का प्राविधान होता है। विद्यालय में तैनात शिक्षक को सरकार मोटी मोटी तनख्वाह देकर शिक्षण कार्य कराती है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के भी बच्चे पढ़ लिख कर अपना भविष्य उज्ज्वल कर सके।



 लेकिन गुरु जी है कि उन्हें मुफ्त की तनख्वाह लेने की आदत सी पड़ गई है। ऐसा हो भी क्यों न? गुरु जी पर नजर रखने के लिए तैनात अधिकारियों को भी नजराने पसंद है। शायद यही वजह है कि ऐसे विद्यालयों पर अधिकारियों की नजर नहीं जाती है।



हम बात कर रहे है शिक्षा क्षेत्र मनकापुर की। शिक्षा क्षेत्र मनकापुर अंतर्गत चौबेपुर गांव कटवा उच्च प्राथमिक विद्यालय है । जहां विद्यालय में अधिकांश समय ताला लगा रहता है।


गांव के बच्चे अन्य स्कूलों में जाने को मजबूर हैं।सरकार जहा शिक्षा के प्रति कितनी सजग है, सभी को साक्षर बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है। 


लेकिन जिन अध्यापको को बच्चो को शिक्षित करने की जिम्मेदारी मिली है वह ही बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इस विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक शान मोहम्मद विद्यालय आने की जहमत नहीं उठाते। उनके लिए विद्यालय खाला जी का घर बना हुआ है। जब मर्जी होता है विद्यालय आ जाते है। रजिस्टर पर दस्तखत होने के उपरांत अपने आदत अनुसार ताला जड़कर चले जाते है।


विद्यालय में तैनात रसोईया के पति पेशकार ने बताया स्कूल में तैनात शिक्षक कभी कभार महीने में एक आद दिन आते हैं। इसी के चलते विद्यालय में बच्चो की संख्या भी कम होती गयी। रोज विद्यायल बंद रहने से गांव के बच्चे बगल गांव के विद्यालयों में जाने लगे। 


मिड डे मील के सवाल पर बताया कि जब विद्यालय नही खुलता तो खाना क्यों बनाया जाए और अगर खुला भी तो सामान ना मिलने से खाना नहीं बनाया जाता है। वही स्कूल के बगल के रहने वाले एक छात्र ने बताया कि स्कूल हमेशा बंद रहता है । जिससे घर से 3 किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में पढ़ने जाने के लिए वह मजबूर है। 


गांव के अन्य लोगों ने जानकारी दी कि विद्यालय महीने में या दो तीन दिन खुलता है अध्यापक हाजिरी लगा कर चले जाते है।


 इस पर प्रधानाध्यापक शान मोहम्मद से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने कहा विद्यालय रोज खुलता है आज अचानक परिवार में किसी की तबीयत खराब होने से विद्यालय नहीं आ सका। उन्होंने बताया 16 बच्चों का विद्यालय में पंजीकरण है। रोज 8 से 10 बच्चे विद्यालय आते हैं।


इसी विद्यालय में आगनवाड़ी केंद्र भी बना है। विद्यालय कैंपस में ताला लगा होने के कारण वहा भी ताला लटका रहता है। आगनवाड़ी कार्यकत्री भी मौके पर नही पाई गई इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि शिक्षा के प्रति जिम्मेदार ही बच्चो के भाविष्य के साथ खेल रहे है।



सम्बंधित अधिकारी इस व्यवस्था से जानकर अनजान बने है या वास्तव में इसकी जानकारी नही।

वही खंड शिक्षाधिकारी विशाल यादव ने कहा कि प्रधानाध्यापक की ड्यूटी वीयलओ में लगी है और उनके स्थान पर दूसरे अध्यापक की ड्यूटी लगायी है।इसीक्रम में सीडीपीओ धमेन्द्र कुमार ने कहा कि पता कर रहा हूं।

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