आयुष मौर्या
धौरहरा खीरी ।धौरहरा क्षेत्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं । कभी यूरिया की किल्लत तो कभी डीएपी की किल्लत ।
बुआई के समय किसानों को समय से खाद न मिलने से उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । कहने को तो क्षेत्र में किसानों की सुविधाओं के लिए दर्जनों सहकारी समितियों की स्थापना की है। पर क्षेत्र की समितियों में खाद ही उपलब्ध नहीं है ।
वर्तमान समय में किसान गेहूं की बुआई कर रहे हैं । पर क्षेत्र की सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है ।
बुधवार को धौरहरा क्षेत्र के सिसैया चौराहे पर स्थित इफको केन्द्र पर डीएपी वितरण की जानकारी पाकर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गए। जहां घण्टों लाइनों में लगकर किसानों ने डीएपी खाद ली ।
इससे पहले भी फसलों में यूरिया डालने के समय किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही थी। मौसम की मार से फसलों का नुकसान सह किसान अब डीएपी खाद न मिलने की समस्या से जूझ रहा है किसान अब बुआई के समय डीएपी खाद के लिए परेशान हो रहा है ।
किसान सुबह से ही लाइनों में लगकर जैसे तैसे डीएपी खरीद रहे हैं । किसानों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बनाने को सिसैया चौराहे के इफको केन्द्र पर पुलिस बुलानी पड़ी ।
धौरहरा कोतवाली क्षेत्र के आरक्षी शिवकुमार ने अपने सहयोगियों के साथ आकर जब सुरक्षा की कमान संभाली तब जाकर सुचारू रूप से किसानों को डीएपी खाद मिल सकी ।
गेहूं बुआई को नहीं मिल रही डीएपी
धौरहरा में डीएपी की किल्लत कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी यहां फसलों में पानी लगाने के बाद उसमें डालने के लिए क्षेत्र की समितियों में यूरिया खाद नहीं मिल रही थी किसान सुबह से लेकर शाम तक समितियों व इफको की दुकानों में लाइन लगकर यूरिया खरीद रहे थे । पुनः वर्तमान में बुआई के समय डीएपी की किल्लत ने सरकारी मशीनरी में प्रश्न चिन्ह लगा दिया है ।
" बीते कई दिनों से समितियों के चक्कर लगा रहा हूं पर डीएपी नहीं मिली । इफको केन्द्र पर आज सुबह से ही लाइन में लगने के बाद डीएपी मिल सकी । जिसके चलते गेहूं की बुवाई पिछड़ गई ।"
राजेश कुमार यादव निवासी नोखेपुरवा
" सरकार व अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसानों को समय से खाद मिल सके । जब खाद ही समय से नहीं मिलेगी तो किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी ।"
रम्मन निवासी हरसिंगपुर
" किसानों को समय से खाद ही नहीं मिलेगी तो किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी । बुआई पिछड़ने के साथ ही उपज पर भी प्रभाव पड़ता है ।"
मनमोहन निवासी ठुठवा बंशीबेली
" रबी व खरीफ सभी फसलों की बुवाई के समय किसानों को समुचित खाद न मिलना सरकार की नाकामी दर्शाता है यदि यही रवैया अपनाया गया तो यहां किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी ।"
शिवा कान्त मौर्य निवासी कलुआपुर
" समितियों में खाद नहीं थी । मंगलवार से जिले की समितियों में खाद भेजी जा रही है ।जल्द ही सभी समितियों पर खाद पहुंचेंगी और किसानों को आसानी से उपलब्ध होगी ।"
अरविंद मोहन मिश्रा उप कृषि निदेशक खीरी
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