पं श्याम त्रिपाठी
गोंडा।भगवान विष्णु के पंचम अवतार भगवान कपिल के जन्मोत्सव पर आयोजित महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत नवाबगंज के महंगूपुर स्थित आश्रम में चल रही वाल्मीकि रामायण आधारित कथा के अंतिम दिवस पर कथा व्यास पं ध्रुवचंद्र जी महराज ने सीता हरण, लंका दहन, रावण मरण व राम राज्याभिषेक का वर्णन किया.
अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास ने कहा की धर्म की रक्षा हेतु वन में वास कर रहे श्रीराम की पत्नी सीता का हरण रावण ने कर लिया. जिनकी खोज करते हुए उन्हें जटायु, हनुमान,सुग्रीव सहित पूरी वानर सेना का साथ मिला. सीता की खोज में गए हनुमान ने स्वर्ण लंका जला दी.श्रीराम ने पूरी वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की.
युद्ध में अहंकारी व पापी रावण को अपने हाथो मार श्रीराम ने उसका उद्धार किया. पृथ्वी सहित देवलोक भी उसके अत्याचारों से मुक्त हो गया.लंका की राजसत्ता विभीषण को सौंप राम सीता व लक्ष्मण संग अयोध्या वापस आये.राम के अयोध्या वापस आने पर घी के दीप जलाकर उत्सव मनाये गए.
राम कथा में ध्रुवचंद्र जी महराज ने कहा कि श्री रामचंद्र जी के राज्याभिषेक में समस्त ब्रह्मांड के देवी देवता पधारे थे। सभी ने राम को राजा बनते देखकर अपार हर्ष व्यक्त किया था। कथा व्यास ने रामराज्य की महिमा का बखान करते हुये बताया कि रामराज्य में किसी भी प्राणी कोई दुख नहीं था। कोई किसी से बैर भाव नहीं रखता था।असमय मृत्यु नहीं होती थी। सभी प्राणी बहुत सुख पूर्वक रहते थे। इसी के साथ कथा का समापन हुआ।
कल के कार्यक्रम
सवामणी हवन प्रातः 9 बजे से
भगवान का प्रकटयोत्सव 12 बजे
56 भोग 1 बजे
भंडारा सायं 4 बजे से
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