रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। रामलीला मैदान में चल रहे श्रीराम कथा में शिव पार्वती व महापुराणों का वर्णन करते हुए कथा प्रवक्ता रमेश शुक्ल महाराज ने कहा की सत्संग से मनुष्य अध्यात्मिकता के उच्चतम शिखर को प्राप्त करता है।
इसके साथ योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करता है बल्कि योग आत्मा से परमात्मा तक के सफर को पूर्ण करने की सामर्थ्य रखता है और एक अद्भुत मार्ग है।
भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप का वर्णन कथा में किया गया। जिसमें कथा वाचक रमेश महाराज ने कहा कि भगवान शिव के पूजन से मनुष्य अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष प्राप्त करता है ।
इस सृष्टि में सबसे अधिक शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। भगवान शिव जो शिव महापुराण के अनुसार एक धतूरे का फल चढ़ाने में स्वर्ण दान का पुण्य प्रदान करता है और मनुष्य को ओजस्वी और तेजस्वी बनाता है ।
गुरु ही इस जीवन का आधार होते हैं जब तक मनुष्य का दीक्षा संस्कार नहीं होता वह अपने परियों का फल प्राप्त नहीं कर पाता और न ही अध्यात्मिक मार्ग को पूर्णरूपेण प्राप्त कर पाता है।
धर्म की स्थापना के लिए भगवान अवतार लेते हैं। कथा में भगवान शिव की कथा को प्रमुखता से कहते हुए बताया कि भगवान निर्गुण ब्रह्मा शगुन होकर के प्रगट हो जाता है। तब जब भक्त भगवान को पुकारते हैं और धर्म का ह्रास होता है तो धर्म की पुनर्स्थापना के लिए भगवान इस धरा पर अवतार लेते हैं।
वैदिक सनातन हिंदू धर्म के अनुसार भगवान चार युगों में 24 बार विभिन्न विभिन्न स्वरूपों में अवतार लेते हैं।
कथा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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