India building road, rail line, checkpost in Nepal, emphasis on development of border outposts and construction of new outposts between the two countr
उमेश तिवारी
अपने निकटतम पड़ोस में चीन की बढ़ती गतिविधियों को नाकाम करने के लिए भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों से नेपाल में ढांचागत परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर निवेश करने की रणनीति अपनाई है। यह रणनीति एक तरह से चीन को करारा जवाब है। भारत विरोधी वातावरण बनाने के लिए बीजिंग नेपाल से म्यांमार तक और बांग्लादेश से श्रीलंका तक इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में सशर्त निवेश कर वहां की सरकारों को अपने आर्थिक जाल में घेरता आया है।
जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने नेपाल का गेटवे मानी जाने वाली मौजूदा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के आधुनिकीकरण के साथ नई पोस्ट बनाने, पूर्व से पश्चिम तक नेपाल के भीतर और सीमा तक आने वाली सड़कों का जाल बिछाने, पुलों का निर्माण करने, नई रेल लिंक बनाने और एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने का व्यापक खाका तैयार किया है। इन परियोजनाओं पर भारत 1000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगा।
भारत का जोर दोनों देशों के बीच सीमा चौकियों के विकास और नई चौकियों के निर्माण पर है ताकि नागरिकों के बीच अधिक मेल मिलाप सुनिश्चित किया जा सके। दोनों देशों के बीच आवाजाही के लिए रक्सौल सीमा चौकी की अहम भूमिका को देखते बीरगंज (नेपाल) में 135 करोड़ रु. की लागत से सीमा चौकी बनाई है। बिराटनगर में इसी तरह की आईसीपी बनने के बाद रुपईडिहा में भी सीमा चौकी बनाई जा रही है।
इसी तरह, सामरिक महत्व की पांच रेल लिंक भी विकसित करने पर काम चल रहा है। इनमें विभिन्न धार्मिक सर्किट को जोड़ने वाली रेल लाइनें भी शामिल हैं। नेपाल में सड़कों का निर्माण बहुत चुनौतीपूर्ण है। भारत सरकार इस काम को प्राथमिकता से पूरा करना चाहती है क्योंकि चीन इस हिमालयी देश में सड़क परियोजनाओं का झांसा देकर जनमत को प्रभावित करना चाहता है।
चीन का ध्यान नेपाल में बिजली परियोजनाओं पर भी है। इसके जवाब में भारत सरकार ने क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने, क्रॉस बॉर्डर पेट्रोलियम पाइपलाइन निर्माण के जरिए नेपाली घरों को ऊर्जा सप्लाई पर जोर दिया है।
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट
(1) बीरगंज और विराटनगर में आईसीपी बनाई जा चुकी है।
(2) नेपालगंज में रूपईडीहा और भैरहवा में सोनौली जैसी चौकी का निर्माण
रेलवे लिंक
(1) जयनगर - विजलपुरा - वर्दीवास रेल लिंक के अंतिम हिस्से पर सर्वेक्षण का काम जोरों पर
(2) श्री रामायण यात्रा टूरिस्ट ट्रेन की शुरूआत,500 पर्रयटकों का पहला जत्था जनकपुर धाम की यात्रा भी कर चुका
(3) जोगबनी --- विहार रेल लिंक: यह 5.45 किमी भारत में और 13.15 किमी नेपाल में है। नेपाल अपने हिस्से का निर्माण करेगा। इसके लिए भारत पूरी मदद करेगा
(4) रक्सौल --- काठमांडू व्राडगेज रेल लाइन: इस इलेक्ट्रिक रेल लाइन का सर्वे पूरा। अब कोंकण रेलवे इसे पूरा करने में जुटा
सड़क संपर्क
नेपाल के तराई क्षेत्र में 306 किमी लंबी 10 सड़कें 500 करोड़ रुपये की लागत से पूरी,बाकी 14 अन्य सड़कों पर काम जारी इन पर भी 90 प्रतिशत काम पूरा
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