Continuation of desecration of Hindu temples and pilgrimage sites continues in Pakistan
उमेश तिवारी
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों और तीर्थ स्थलों को अपवित्र करने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला महाभारत काल से जुड़े पंज तीरथ का है। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में कभी पंज तीरथ हिंदू तीर्थ स्थल था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल गोदाम के तौर पर हो रहा है।
बिटर विंटर पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, यह तीर्थ स्थल राजा पांडु के पांच पुत्रों व पांडव शिष्यों से जुड़ा है। 1,000 वर्षों तक इसका इस्तेमाल हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में होता रहा, लेकिन बंटवारे के बाद यहां सिर्फ दो जीर्ण-शीर्ण मंदिर बच गए। यह क्षेत्र स्थानीय सरकार के हाध से निकलकर चाका यूनुस फैमिली पार्क का संचालन करने वाली एक निजी कंपनी को बेच दिया गया।
कार्तिक माह में यहां का विशेष महत्व
पंज तीरथ में पानी के पांच तालाब और एक बड़ा व अन्य छोटे मंदिर थे। हिंदू समुदाय के लोग कार्तिक माह में इन तालाबों में स्नान करने आते थे और दो दिनों तक इन पेड़ों के नीचे पूजा-अर्चना करते थे।
हथियारबंद लोगों ने डराया-धमकाया
पुरातत्वविदों का कहना है कि जब उन्होंने पंज तीरथ साइट तक पहुंचने की कोशिश की, तो उन्हें हथियारबंद लोगों ने डरा-धमकाकर भगा दिया। 10 फरवरी को, पेशावर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई कि तीन साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी इस मुद्दे को हल नहीं किया गया है।
पूजा के हक से वंचित किया
बिटर विंटर के मुताबिक, यह मामला इस बात का सबूत है कि हिंदू धर्म की ऐतिहासिक विरासतों को पाकिस्तान में अवैध कब्जे के तहत रखा गया है, और उन्हें उनके पूजा के अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। अदालत में इस मुद्दे पर सुनवाई अभी भी जारी है।
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