सुनील उपाध्याय
बस्ती।जिले के दुबौलिया मे चौरासी कोसी परिक्रमा के द्वितीय पड़ाव स्थल हनुमानबाग चकोही मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा मे अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास दीपक शुक्ल महराज ने श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग प्रस्तुत किया। नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की कथा के बीच में प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।
श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा करते हुए व्यास ने कहा कि जब भगवान का कारागार में जन्म हुआ तो रात के आधे काल में सब पहरेदार सम्मोहन में आ गए। वासुदेव की बेड़ी खुल गई। तब देवकी के परामर्श अनुसार बालक को टोकरी में रखकर यमुना पार कर गोकुल में नंदग्राम में कन्या से बदल आए। उस समय यमुना पूरे उफान पर थी। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के पैर का स्पर्श होते ही वह शांत हो गई। नंद के यहां 75 वर्ष बाद बालक हुआ था तो इस पर नंदग्राम में खुशियां मनाई गई। उधर कंस को सूचना दी कि देवकी को आठवां बालक हुआ है तो उसने देवकी से कन्या को छीनकर पत्थर पर पटकना चाहा। लेकिन वह आकाश मार्ग से स्वर्गारोहण कर गई। कंस को बता दिया कि तेरा मारने वाला ब्रज मंडल में अवतरित हो गया है। कथा व्यास ने अनेक सुंदर प्रसंग सुनाए इस मौके पर राजमंगल पाठक ,विनय सिंह सोनू,गणेश पाठक, श्याम जी शुक्ल, विनोद पाठक, उमेश सिंह, राम चन्द्र दास आदि मौजूद रहे
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