अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में बुधवार को 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ छोटा परेड ग्राउंड में शाम को प्रवचन कथा के साथ प्रारंभ हो गया । प्रातः काल भव्य कलश यात्रा निकाली गई तथा सांयकाल प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया । गुरुवार की सुबह यज्ञ कुंडों में अग्नि प्रज्वलित कर वेद मंत्रों के साथ आहुतियां डाली गईं ।
साधन भरे पड़े हैं, साधना नहीं है, अपनी राह चला लो गुरुवर और बड़े भाग मानुष तन पावा युगगीत के साथ प्रथम दिवस की सांध्य कालीन प्रवचन का शुभारंभ शांतिकुंज टोली नायक जितेंद्र मिश्रा ने की । उन्होंने मानव में देवत्व और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के बारे में बताया कि साधना बिना सत्संग नहीं हो सकता, नर से नारायण बनने के लिए साधना आराधना अनिवार्य है । साधना अपने जीवन की करनी पड़ती है । उन्होंने पंचतंत्र की साधना का उदाहरण देकर बताया कि अज्ञान ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है । मानव में ज्ञान की प्राप्ति की साधना विचार क्रांति व युग साहित्य के अध्ययन से संभव है ।
भाजपा नेता और सह संयोजक विनय कुमार मिश्रा ने धर्म ध्वजा फहराकर द्वितीय दिवस से कार्यक्रमों की विधिवत शुरुआत की । कथा क्रम के द्वितीय दिवस के प्रातः कालीन बेला में विराट 108 कुण्डीय महायज्ञ शुरू हुआ । देव आवाहन, सर्वतोभद्र का पूजन युगल यजमान कुसुम मोदनवाल घनश्याम मोदनवाल ने संपन्न कराया । इसके बाद समस्त देवपूजन के साथ गायत्री महायज्ञ में उपस्थित श्रद्धालुओं ने वातावरण परिष्करण राष्ट्र जागरण, संवर्धन और सतयुग के आगमन के लिए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और विशिष्ट मंत्रों से आहुतियां समर्पित की । इस महायज्ञ में अग्नि परमं पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा सन् 1958 में गायत्री तपोभूमि मथुरा के 1008 कुण्डीय यज्ञ से प्रज्ज्वलित अग्निकुंड से लाई गई है । कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट जनों में नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ के के राणा, कार्यक्रम व्यवस्थापक सुनील वर्मा,रवींद्र सिंह, दीप चंद्र पाल, ट्रस्टी अशोक गुप्ता, मद्भागवत कथाकार ऋषिदेव तिवारी, युवा परिजन लोकेश श्रीवास्तव, जनपद युवा प्रभारी (देवमंच संचालक) संदीप जायसवाल, परिवराजक राजकरण, राधे गोविंद गुप्ता , गायत्री परिवार बलरामपुर महिला मंडल की श्रीमती चेतना कुंड, प्रीति कश्यप, पूनम श्रीवास्तव,अर्चना सिंह , मीरा मिश्रा, नीलम वर्मा की रही ।
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