पंश्याम त्रिपाठी
नवाबगंज (गोंडा)।क्षेत्र के कल्यानपुर गाँव में नगरपालिका द्वारा करोड़ों की लागत से बनी कान्हा गौशाला में निर्माण संबंधी खामियों के चलते कई वर्षों तक पानी भरा था। नवागत मुख्य विकास अधिकारी एम.अरुणमोझी के निरीक्षण और दिशानिर्देश के बाद आनन-फानन में इसका कायाकल्प कर कस्बे और आस-पास के गाँवों से छुट्टा गौवंशो को गौशाला में आश्रय भी दे दिया गया है हालांकि गौशाला में अभी भी काफी निर्माण कार्य चल रहा है।
200 गौवंश की क्षमता वाली इस गौशाला में मौके पर 125 के करीब गौवंश मौजूद हैं लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यह गौशाला भी अव्यवस्थाओं की बलि चढ रही है। यहां पर भूसा पर्याप्त मात्रा में मौजूद है लेकिन जानवरों को भूसा डालने वाले नदारद दिखे।
जानवरों के पानी पीने के लिए बनाए गए टैंक में भरा पानी इतना नीचे था कि जानवर पानी तक नहीं पंहुच पा रहे थे जिससे भूख-प्यास एवं गर्मी से व्याकुल कुछ जानवर भूसे के कमरे में घुस कर भूसा खा रहे थे जिससे पूरे परिसर में भूसा बिखरा है । गौशाला में एक बीमार गौवंश तड़प रहा था।
यहां अभी हरे चारे और दाने की व्यवस्था नहीं की गई है।फिलहाल यहां मिट्टी पटाई का कार्य कर इसे और उंचा किया जा रहा है ताकि बाढ का पानी यहां दोबारा न भरे।
इन दुर्व्यवस्था के बाबत ईओ रंगबहादुर सिंह ने कहा कि बीमार गौवंश का इलाज कराया जा रहा है। पशुओं को चारा-पानी देने के लिए दो व्यक्ति नियुक्त हैं, अव्यवस्थाओं को दूर करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है वहीं गौशाला के सुपरवाइजर राजेश गौशाला में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये।गौशाला में बन रही बाउंड्री वॉल में पीली ईंट का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।
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