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यूपी समेत कई राज्यों के भारतीय छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिबन्ध मोदी सरकार की सर्वोच्च विफलता:प्रमोद तिवारी



राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता ने चीतों की देखरेख के अभाव मे हो रही मौतो को लेकर सरकार की लापरवाही पर भी बोला हमला

कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता, वरिष्ठ कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आस्टेªलिया में पढने वाले मेधावी भारतीय छात्रों के वहां शिक्षा ग्रहण करने पर प्रतिबंध के फैसले को तत्काल हटवाये जाने के लिए सरकार से कडे कदम उठाए जाने को कहा है। 



वहीं प्रमोद तिवारी ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सरकार द्वारा छोड़े गये चीतों की उचित देखभाल न होने से दो शावकों की ताजा मौत को भी बाघों की सुरक्षा को लेकर केंद्र की बड़ी असफलता कहा है।



राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री मोदी की ठीक आस्टेªलिया यात्रा के बीच आस्टेªलिया के दो नामी विश्वविद्यालयों विक्टोरिया स्थित फेडरेशन यूनिवर्सिटी तथा न्यू साउथ वेल्स स्थित वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी द्वारा देश के उत्तर प्रदेश समेत जम्मू काश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड और गुजरात के छात्रों को वहां पढ़ाई अथवा शिक्षा ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगाने को गंभीर चिन्ताजनक स्थिति कहा है। 



उन्होनें कहा कि सर्वाधिक चिंताजनक यह है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी आस्टेªलिया यात्रा पर ऐतिहासिक उपलब्धियों से परिपूर्ण भारत आस्टेªलिया के साथ निरंतर प्रगाढ़ सम्बन्धों का जब एक साल में छः मुलाकातों का जिक्र करते थक नही रहे थे। ऐसे समय प्रमोद तिवारी के मुताबिक आस्टेªलिया का भारतीय युवा विरोधी यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी की आस्टेªलियाई दौरे की सर्वोच्च विफलता उभरकर सामने आयी है। 



प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब आस्टेªलियाई दौरे पर थे तो भी वह यह चिन्ता वहां के प्रधानमंत्री के साथ वार्ता के दौरान इसके पूर्व भी पंाच विश्वविद्यालयों द्वारा पिछले महीने भारतीय छात्रों को लेकर ऐसे प्रतिबन्ध पर क्यूं नही जता सके। 



राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी ने आस्टेªलिया के ताजा दौरे मे यदि वहां पिछले चार पांच सालों मंे भारतीयों के साथ अकारण नस्लीय हमले तथा छात्रों के साथ हिंसक गतिविधियों एवं आस्टेªलिया में हिन्दू मंदिरों को तोडे जाने और मूर्तियों को विखण्डित करने के साथ वहां से संचालित हो रही भारत के खिलाफ खालिस्तानियों की गतिविधियों पर कूटनीतिक कडी पहल की होती तो भारतीय छात्रों की मेधाशक्ति को अपमानित करने की आस्टेªलियाई विश्वविद्यालयों द्वारा यह हिमाकत नहीं की गयी होती। 



प्रमोद तिवारी ने स्वयं अपने आस्टेªलियाई तत्कालीन दौरे का हवाला देते हुए दावे के साथ कहा कि वहां भारतीय छात्रों ने उनके  शिष्टमण्डल से मुलाकात कर आस्टेªलिया के नव निर्माण मंे आवश्यकतानुसार अपने सहयोग को भी मजबूती के साथ साझा किया था। प्रमोद तिवारी ने कहा कि नए आस्टेªलिया के निर्माण में यूरोप के साथ बडी संख्या मे भारतवासियों का खून पसीना लगा हुआ है। 



इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का कड़वा प्रतिफल यूपी समेत छः राज्यों के छात्रों की पढाई पर आस्टेªलिया में प्रतिबन्ध का मिलना दुर्भाग्यपूर्ण एवं समूचे देश के लिए दुखदायी है। 



श्री तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के वहां दौरे के बीच ही कई चैनलों ने जिस तरह से वहां की दीवारों पर भारत मुर्दाबाद के नारे लिखे दिखलाए उससे भी देश को अपमान की पीड़ा सहनी पड़ी है। 



श्री तिवारी ने प्रधानमंत्री से कहा है कि वह आस्टेªलिया सरकार से फौरन ठोस वार्ता कर छात्रों समेत वहां रह रहे हर एक भारतीय की सुरक्षा के प्रबन्ध हर हाल में सुनिश्चित कराएं। 



वहीं राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मध्य प्रदेश के श्योरपुर जनपद में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान मे भी मोदी सरकार द्वारा बड़े धूमधड़ाके के साथ छोडे गये चीतों में दो शावकों की मौत को भी कूनो पार्क मंे सुरक्षा के प्रबन्ध नाकाफी होने का उदाहरण बताया। 



प्रमोद तिवारी ने कहा कि कूनो अभयारण्य में जगह की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं कई विशेषज्ञों ने भी चिन्ता जताते हुए वहां चीतों को अन्य अभयारण्यों मे स्थानांतरित करने का सुझाव दे रखा है। 



राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि इसके बावजूद केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते कूनो नेशनल पार्क में ज्यादा बाघ होने को लेकर उनकी उचित देखरेख न होने के कारण पिछले दो माह में छः चीतों की मौत को बेहद अफसोसजनक कहा है। 



उन्होने निर्दोष चीतों की मौत के कारणों की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए इसके जिम्मेदार लापरवाह लोगों के खिलाफ सरकार से कडे कदम उठाने को कहा है। वही उन्होने मोदी सरकार के वन मंत्री से बचे हुए चीतो ंको सुरक्षित बचाने के लिए उच्चस्तरीय प्रयास भी अमल मे लाये जाने की मांग उठाई है। 



मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से शुक्रवार को यहां जारी बयान में प्रमोद तिवारी ने नए संसद भवन के उदघाटन समारोह को लेकर सरकार पर अब कुछ राजनैतिक दलों की मजबूरी का लाभ उठाकर समर्थन हासिल करने को भी नाकाफी ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस समेत देश के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रपति की गरिमा एवं संविधान की परम्पराओं तथा लोकतंत्र के स्थापित मूल्यों की सुरक्षा के लिए पीएम के द्वारा उदघाटन समारोह का हर हाल में बहिष्कार करने के फैसले पर अडिग रहेगा।

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