वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में प्रमुख समाजसेविका कर्म योगिनी प्रानपति देवी के पावन स्मृति में "कर्म योगिनी मात प्रानपति देवी स्मृति श्रद्धांजलि एवं सम्मान समारोह" का आयोजन सण्डवा चन्दिका के ग्राम गोबरी में किया गया। समारोह में "बड़े बूढ़े की सेवा ही धर्म" विषय पर संगोष्ठी हुई। सर्वप्रथम माता प्रानपति देवी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्पण हुआ।समाज से बड़े-बुढे़ तथा माता-पिता की भली प्रकार सेवा करने वालों में राजेश कुमार, सावित्री देवी, श्रीमती कमला देवी, राजपति देवी, केवला देवी, राम जी मौर्य, रोशनलाल उमरवैश्य, आनंद मोहन ओझा, राजीव कुमार आर्य, श्री नाथ मौर्य, कुंज बिहारी लाल, कलावती देवी, रामचंद्र मौर्य, अमरनाथ गुप्ता को सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि एलायंस क्लब इंटरनेशनल के निदेशक व प्रमुख समाजसेवी रोशनलाल ने कहा कि बुजुर्गों को भोजन, वस्त्र तथा औषधी आदि उपलब्ध कराने के साथ-साथ सम्मान देना जरूरी है, बुजुर्गों की सेवा से ही जीवन सफल होगा।संचालन अधिवक्ता व लेखक जीतेंद्र कुमार मौर्य ने किया। विचार व्यक्त करने वालों में वीरेंद्र कुमार मौर्य आदि रहे।
अध्यक्षता कर रहे पूर्व बाल न्यायाधीश एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ दयाराम मौर्य 'रत्न' ने कहा कि "बड़े- बुढो़ की सेवा ही धर्म" विषय पर बोलते हुए कहा कि बड़े बूढ़े की सेवा ही ईश्वर की पूजा है इनको खुश रखने में परिवार खुशहाल होता है।


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