Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

जागरूकता से ही मानवाधिकारों का हनन रोका जा सकता है:नसीम अंसारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़: तरुण चेतना संस्थान द्वारा महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ होने वाली लैंगिक हिंसा के उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे 16 दिवसीय अभियान के समापन अवसर पर आज 10 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन पट्टी ब्लाक के सरसतपुर गाँव में किया गया. जिसमें तरुण चेतना के निदेशन नसीम अंसारी ने कहा कि जागरूकता से ही मानवाधिकारो का हनन रोका जा सकता है।  श्री अंसारी ने कहा कि सभ्य समाज के लिए महिला हिंसा एक अभिशाप है इसे रोकने के लिए महिलाओं के साथ पुरुषों को भी आगे आना होगा. जिसे शिक्षा से ही हिंसा रोका जा सकता हैं।  श्री अंसारी ने मानवाधिकार पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी इंसान की जिंदगी में आजादी एवं बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है। 

      इसी क्रम में मैसवा मैन हकीम अंसारी ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 पर चर्चा करते हुए कहा कि  अधिनियम 2005 प्रत्येक महिला को संरक्षण प्रदान करता है।महिलाओं के प्रति उनके घर में होने वाले अपराधों से संरक्षण देने के लिए अनेक अधिनियम पारित हुआ जैसे दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, हिंदू विवाह अधिनियम.  यह सभी अधिनियम मानव अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। मानव अधिकार सुनिश्चित हो हम सबकी जिम्मेदारी है। श्री हाकिम ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि- तूफान आता है तो दिन रात बदल जाता है। जब गरजती है नारी शक्ति तो इतिहास बदल जाता हैं।

   कार्यक्रम में क्रिया नईदिल्ली की कंसल्टेंट शकुंतला देवी ने कहा कि महिला के अधिकार बिना हर बदलाव अधूरा है महिलाओं को भी पुरुष के बराबर समान अधिकार मिलना चाहिए। श्रीमती शकुंतला ने सुरक्षित गर्भ समापन कानून पर चर्चा करते हुए बताया कि यमटीपी संशोधन अधिनियम, 2021 अधिनियम के तहत अब गर्भधारण के 24 सप्ताह तक के गर्भ का समापन कराया जा सकता है, इसके अलावा महिलाओं की विशेष श्रेणियों जैसे दुष्कर्म से पीड़ित महिलाओ व दिव्यांग महिलाएँ, अविवाहित महिला और नाबालिग आदि के लिये भी गर्भ समापन कराने का प्रावधान किया गया है। गर्भ को समाप्त करने वाली किसी महिला का नाम और अन्य विवरण, वर्तमान कानून में अधिकृत व्यक्ति को छोड़कर, किसी के भी समक्ष प्रकट नहीं किया जाएगा।

कार्यक्रम के अंत में रैली भी निकली गयी. इस अवसर पर तरुण चेतना के सहीद अहमद व संघर्षशील महिला एफपीसी की अध्यक्ष गार्गी पटेल सहित कलावती वर्मा, आरती वर्मा, सुमन देवी, संगीता देवी, तारा देवी, अनीता देवी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे