डेस्क: जौनपुर के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को नमामि गंगे के इंजीनियर से रंगदारी मांगने और उसके अपहरण के मामले में दोषी करार दिया गया है। यह मामला 2020 का है, जब नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था।
मामले की जानकारी:
10 मई 2020 को अभिनव सिंघल का अपहरण कर धनंजय सिंह के आवास पर ले जाया गया।
धनंजय सिंह ने पिस्टल के बल पर गालियां देते हुए सिंघल पर कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति का आरोप लगाया।
मना करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी गई।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया, बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
लोकसभा चुनाव से पहले झटका:
धनंजय सिंह जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।बीजेपी द्वारा कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद धनंजय सिंह ने निर्दलीय या जेडीयू के सिंबल पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया था।
अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद धनंजय सिंह की चुनावी संभावनाओं पर ग्रहण लग गया है।
कल सुनाई जाएगी सजा:
जौनपुर की MP-MLA कोर्ट बुधवार को धनंजय सिंह को सजा सुनाएगी।सजा की अवधि धनंजय सिंह की चुनावी रणनीति और राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकती है।


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