अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय पर संचालित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय डिवाइन पब्लिक स्कूल एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल होने के बावजूद भी अपने भारतीए संस्कृति पर भी विशेष ध्यान देता है।
22 अगस्त को डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रार्थना सभा में गायत्री परिवार की एक पांच सदस्यीय टीम विद्यालय के प्रार्थना स्तथ पर पहुंचकर बच्चों को उस पुरानी संस्कृति और परंपराओं के बारे में विस्तार से चर्चा करती है, जिसको आज के बच्चे भूलते जा रहे हैं। बच्चों का मानना है कि हम अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ते हैं तो हमें अब इस प्रकार की संस्कृति से कोई मतलब नहीं है । हमें मॉडर्न बनना है, परन्तु डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के अनुरोध पर आए हुए गायत्री परिवार के सदस्यों ने बच्चों की मानसिकता उनकी सोच और उनके विचार को बदल कर रख दिया । उन्होंने बच्चों को बताया कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए ।
माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिए । विद्यालय में एक शिक्षक आपके माता-पिता के अनुपस्थिति में आपके माता-पिता के समान ही पूजनीय होता है। शिक्षक के बताए गए मार्गों पर चलकर हम अपनी जीवन को परिवर्तित कर सकते हैं । एक ओर जहां आज इस मॉडर्न जमाने में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल इस प्रकार के क्रियाकलाप से दूर होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डिवाइन पब्लिक स्कूल एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल होने के बावजूद भी अपने उन विषयों पर फोकस करने के साथ-साथ अपनी भारतीय संस्कृति से बच्चों को जोड़कर रखना चाहती है । जब हमारे संवाददाता डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आशीष उपाध्याय से बात किया और उनसे पूछा कि आपका भी विद्यालय एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल है, तो आपको इन सब चीजों की क्या आवश्यकता है ? प्रबंध जी ने कहा कि हम अंग्रेजी माध्यम स्कूल अवश्य हैं, लेकिन हमारा अंग्रेजी माध्यम स्कूल हमारे ही भारतीय संस्कृति में चलाया जा रहा है । ऐसे में हम अपनी भारतीय संस्कृति को भूलकर कैसे रह सकते हैं । हम भारतीय संस्कृति के साथ-साथ अपनी इंग्लिश को भी अच्छी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम अपनी संस्कृति को भूलकर ही अपने आप को अंग्रेजी माध्यम का स्कूल कह सकते हैं ।
गायत्री परिवार से आए हुए सदस्यों ने डिवाइन पब्लिक स्कूल में नई आई हुई क्वालिटी मैनेजर अंजना वाजपेई को गमछा पहनकर सम्मानित भी किया । उन्होंने कहा कि स्कूल की क्वालिटी मैनेजर आप हैं इसलिए आपका पहला दायित्व बनता है, कि बच्चों को संस्कारवान बनाया जाए । उन्होंने कहा कि जिस दिन बच्चा संस्कारवान बन गया उस दिन बच्चा एक अच्छी पढ़ाई अपने आप अर्जित करने लगेगा। अंजना जी उसके जवाब में उन लोगों को आश्वस्त भी किया कि आज के बाद डिवाइन पब्लिक स्कूल अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने संस्कारों के लिए भी अवश्य जाना जाएगा । इस दौरान प्रार्थना स्थल पर विद्यालय के हजारों छात्र छात्राएं व पूरा स्टाफ मौजूद था ।
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