उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में औषधि विभाग का सहायक आयुक्त रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो गया है। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने असिस्टेंट कमिश्नर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने के बाद तलाशी के दौरान ऑफिस से लाखों रुपए की नगदी बरामद की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बरेली की विजिलेंस टीम ने औषधि विभाग के सहायक आयुक्त मनु शंकर को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
मेडिकल स्टोर लाइसेंस के लिए रिश्वत: बताया जाता है कि शिकायतकर्ता ने मेडिकल स्टोर के लाइसेंस का आवेदन किया था, लेकिन उसका मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया। तब आवेदक ने सहायक आयुक्त औषधि मनु शंकर से लाइसेंस जारी करवाने का निवेदन किया, ऐसे में ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर ने जल्द से जल्द लाइसेंस निर्गत करने का आश्वासन देते हुए कहा कि इसके एवज में 35 हजार रुपए देने पड़ेंगे।
किस्तों में रिश्वत: तब आवेदक ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए रुपए कम करने की दरख्वास्त की, लेकिन सहायक आयुक्त औषधि नहीं माने, बहुत प्रयास के बाद सहायक आयुक्त औषधि ने इकट्ठा रुपया ना दे पाने की स्थिति में दो किस्तों में रुपया देने के लिए कहा, जिसमें प्रथम किस्त 15 हजार रुपए, जबकि दूसरी किस्त 20 हजार रुपए बताई गई। जिसको मेडिकल लाइसेंस आवेदक ने स्वीकार कर लिया।
रिश्वत की पहली किस्त लेते हुए गिरफ्तार: रिश्वत लेने की बात तय होने के बाद आवेदक में अपनी पीड़ा बताते हुए विजिलेंस टीम में शिकायत कर दी, मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम प्रभारी ने कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए अपनी टीम के मौजूदगी में रिश्वत देने के लिए कहा, मेडिकल लाइसेंस का आवेदक रिश्वत की पहली किस्त देने के लिए ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर के ऑफिस में विजिलेंस टीम के साथ पहुंचा, टीम के सामने शिकायतकर्ता ने 15 हजार रुपए की पहली किस्त थमाई, मित्र बनकर साथ में मौजूद विजिलेंस टीम ने ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
ऑफिस में लाखों रुपए नगद बरामद: आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद टीम ने सहायक आयुक्त औषधि के कार्यालय को खंगाला, कार्यालय में दो लाख 30 हजार रुपए नगद बरामद हुए।
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