अयोध्या में झुग्गी में रहने वाले एक शख्स ने मामूली झगड़े के बाद पत्नी और 5 वर्षीय बेटे की निर्मम हत्या कर दी। बड़ा बेटा सुबह लौटा तो देखा मां खून में लथपथ और भाई बेजान पड़ा था। पढ़िए दिल दहला देने वाली पूरी खबर…
"10 साल का बेटा जब सुबह घर लौटा, तब मां-भाई की लाशें ज़मीन पर पड़ी थीं – झोपड़ी में बसा एक परिवार रातों-रात उजड़ गया”
अयोध्या:शहर की झुग्गियों में छिपा था एक ऐसा दर्दनाक राज, जो शनिवार सुबह सबके सामने खून के आंसू बनकर फूट पड़ा। देवकाली चौकी क्षेत्र के शिवनगर कॉलोनी के पीछे जंगल में बनी झोपड़ियों में रहने वाले एक पिता ने शुक्रवार रात ऐसा खौफनाक कदम उठाया, जिसे सुनकर रूह कांप जाए।
आरोप है कि मामूली घरेलू विवाद के बाद शहजान खंडकर नाम के शख्स ने पहले अपने 5 वर्षीय मासूम बेटे सहादकर की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर अपनी पत्नी नेशिया बेगम का गला धारदार हथियार से काट दिया। रात के सन्नाटे में मां-बेटे की चीखें उसी झोपड़ी में दफन हो गईं।
सुबह जैसे ही 10 वर्षीय बड़ा बेटा नेबुतुल्ला घर लौटा, सामने का दृश्य उसकी आंखों में हमेशा के लिए कैद हो गया – मां खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ी थी और छोटा भाई उसकी छाती से सटा हुआ निष्प्राण पड़ा था।
चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। हत्या में प्रयुक्त हथियार घटनास्थल पर नहीं मिला है।
तीन साल से झुग्गियों में बस रहे थे 21 परिवार
जानकारी के अनुसार यह परिवार असम के बरबटा जिले से करीब 8 महीने पहले अयोध्या आया था और कबाड़ बीनकर गुज़ारा करता था। वे जिस ज़मीन पर रह रहे थे वह विवादित बताई जा रही है, और स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां झुग्गी डालकर रह रहे करीब 21 परिवार बांग्लादेशी मूल के हो सकते हैं।
पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है और सभी परिवारों की पहचान और कागजात खंगाले जा रहे हैं।
पति-पत्नी के बीच अक्सर होता था विवाद
पड़ोसी करम अली ने बताया कि शहजान और नेशिया के बीच अक्सर झगड़ा होता था। शुक्रवार रात भी दोनों में तीखी बहस हुई थी। लेकिन यह कोई नहीं जानता था कि उस झगड़े का अंजाम इतना खौफनाक होगा।
एसएसपी राज करण नैय्यर के मुताबिक, हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया है और उसे पकड़ने के लिए दो टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही उसे गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।
एक मासूम की चीख, एक मां की मौत और एक पिता का हैवान बन जाना...
इस दोहरी हत्या ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि उस समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया जो ऐसे मामलों में चुप्पी साध लेता है।
अब सबसे बड़ा सवाल ये है,क्या कोई झगड़ा इतना बड़ा हो सकता है कि एक पिता अपनी ही गोद के खिलौने को ज़मीन पर पटककर मार डाले?
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