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गुरु-शिष्या से बने जीवनसाथी! टीचर और छात्रा ने परिवार के खिलाफ जाकर रचाई शादी, पुलिस बनी गवाह

लखीसराय में ट्यूशन पढ़ाते-पढ़ाते एक शिक्षक खुद छात्रा के प्रेम में पड़ गया। जब लड़की की शादी तय हुई, तो दोनों घर से भाग निकले और पुलिस की मौजूदगी में रचा लिया ब्याह।



ट्यूशन में शुरू हुआ इश्क़, मंदिर में खत्म हुई बंदिशें: लखीसराय की एक अलग ही लव स्टोरी

बिहार के लखीसराय जिले से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने परंपरा, डर और सामाजिक बंधनों को एक झटके में तोड़ डाला। इस कहानी में हीरो हैं 24 वर्षीय शिक्षक रामप्रवेश कुमार, और हीरोइन…उनकी ही छात्रा 22 साल की ज्योति कुमारी।


ट्यूशन क्लास की शुरुआत दोस्ती में बदली, फिर वही दोस्ती चार साल की मोहब्बत में तब्दील हो गई। लेकिन जब लड़की के परिवार ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी, तो इस जोड़े ने वो फैसला लिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।


शादी की तारीख तय, लेकिन प्रेमिका ने ठुकराया 'दहेज वाला रिश्ता'


ज्योति की शादी अगले महीने होने वाली थी। सगाई हो चुकी थी, और दहेज की लिस्ट भी फाइनल हो चुकी थी। लेकिन ज्योति के दिल में जगह किसी और की थी…उसके गुरुजी की। जब उसने अपने माता-पिता से रामप्रवेश से शादी की बात कही, तो उसे झिड़क दिया गया।

इसी के बाद, शुक्रवार की रात, दोनों ने पलायन कर लिया…ना डर, ना पछतावा, बस प्यार को मंज़िल तक पहुंचाने की जिद।



थाने में हुआ इश्क़ का इम्तहान, फिर पुलिस ने निभाई 'बाराती' की भूमिका


करीब 50 किलोमीटर दूर, जमुई जिले के गिद्धौर थाना पहुंचे दोनों प्रेमी। वहां पहुंचकर खुद पुलिस को बताया कि वे एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं। थाना प्रभारी पंकज कुमार ने पूरी संवेदनशीलता दिखाई। पहले समझाया, फिर सुना, और जब यकीन हो गया कि ये दोनों बालिग हैं और फैसले में दृढ़ हैं, तो पुलिस ने खुद सुरक्षा का जिम्मा उठाया।



गिद्धौर के पंच मंदिर में सात फेरे, सिंदूरदान और गवाह बनी वर्दी


पुलिस की मौजूदगी में, गिद्धौर के प्रसिद्ध पंच मंदिर में विवाह की तैयारी करवाई गई। मंदिर में वैदिक मंत्रों के बीच रामप्रवेश ने अपनी छात्रा ज्योति की मांग में सिंदूर भरा और सात फेरे लिए। इस दौरान मंदिर में मौजूद लोग, स्थानीय दंपति और श्रद्धालु गवाह बने। जहां एक ओर कुछ लोगों ने आश्चर्य जताया, वहीं कई ने खुले दिल से आशीर्वाद भी दिया।


“हमने प्यार किया है, गुनाह नहीं”: नवविवाहित जोड़े की बेबाक आवाज़


मीडिया से बातचीत में ज्योति ने साफ कहा:

 
“हमने किसी को धोखा नहीं दिया, ना किसी को नुकसान पहुंचाया है। हम बालिग हैं और चार साल से एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। यह हमारी मर्ज़ी का फैसला है।”

वहीं रामप्रवेश का कहना था:


“हम सिर्फ साथ रहना चाहते थे। किसी कानून या समाज की भावना को ठेस पहुंचाना हमारा उद्देश्य नहीं था।”


लोग बोले – लव स्टोरी हो तो ऐसी!

यह प्रेम कहानी अब लखीसराय और जमुई जिले में चर्चा का विषय बन गई है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस जोड़े की हिम्मत और सच्चाई की तारीफ कर रहे हैं। वहीं कुछ इसे सामाजिक परंपराओं की चुनौती के रूप में देख रहे हैं।


लेकिन इस कहानी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चा प्यार ना जात देखता है, ना उम्र, और ना ही डरता है किसी बंदिश से।

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