बहराइच की साइबर पुलिस ने 6 शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। जिससे लाखों की ठगी का पर्दाफाश हो गया है। जानिए आरोपी कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
फ़राज़ अंसारी
उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने आधा दर्जन साइबर ठगों को गिरफ्तार कर 40 लाख रुपए की ठगी का फंडा फोड़ किया है। साइबर ठग अपने कारनामों को अंजाम देने के लिए षड्यंत्र के तहत लोगों को लालच देकर अपना शिकार बनाते थे। इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग के जरिए मोटी रकम पर हाथ साफ करते थे।
कैसे हुआ खुलासा
अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि अंकित कुमार नामक व्यक्ति के खाते का दुरुपयोग करते हुए साइबर ठगों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया था। दरअसल, अंकित के खाते में 40 लाख रुपए का क्रेडिट हुआ था, जिसमें 30 लाख रुपए निकल गए थे। मामले में अंकित के सूचना पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया गया था। बचे हुए 10 लाख रुपए को सीज करते हुए पड़ताल शुरू की गई थी।
बहराइच के ही निकले सभी ठग
एएसपी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि सभी ठग जिले के रिसिया थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं। वेद प्रकाश, सिराज अहमद, रवि उर्फ रविंद्र मौर्य, दाऊद, मोहम्मद वसीम खान और सोहेल को गिरफ्तार किया गया।
सरकारी योजनाओं के नाम ठगी
पुलिस के पूछताछ में पता चला कि आरोपी भोले भाले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के झांसे में लेकर विभिन्न बैंकों में उनका खाता खुलवाते थे। इसके बाद बैंक से संबंधित दस्तावेज जैसे एटीएम आदि को अपने पास रख लेते थे। साइबर ठगी के माध्यम से उन खातों में पैसा मंगवाया जाता था, बाद ने जिसको एटीएम कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया जाता था।
करोड़ों की ठगी का रुपया ट्रांसफर
एएसपी ने बताया कि अंकित वर्मा के खाते में जो 40 लाख रुपए क्रेडिट हुए थे, वह तमिलनाडु से फ्रॉड करके मंगवाया गया था। मामले में वहां एक मुकदमा भी दर्ज है। इस ठगी में एक करोड़ 25 लाख का साइबर फ्रॉड हुआ था।
बैंक से संबंधित दस्तावेज बरामद
आरोपियों के पास से भारी मात्रा में ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो साइबर ठगी की पुष्टि करते हैं। जिसमें पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, 22 आधार कार्ड की छाया प्रति, बैंक चेक, वोटर आईडी और इंटरनेट बैंकिंग आईडी प्राप्त हुई है। मामले में 10 संदिग्ध बैंक खाते सीज किए गए है।
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