अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में गुरुवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ में जिला अध्यक्ष ज्ञान सागर पाठक के अगुवाई में प्रदर्शन कर अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा ।
1 मई को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की माँगों व समस्याओं के निराकरण के लिए 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा । जिला अध्यक्ष ज्ञानसगर पाठक ने बताया कि लगातार प्रयासरत है, परन्तु विभाग शासन के अधिकारियों द्वारा समस्याओं व माँगों का निराकरण नही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में 01 अप्रैल 2005 से बाद नियुक्त शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन प्रणाली से आच्छादित किया जाये । विशिष्ट बी०टी०सी० 2004, बी०टी०सी० 2001 एवं 2004 तथा अन्य ऐसे परिषदीय शिक्षक जिनकी भर्ती का विज्ञापन 01 अप्रैल 2005 से पूर्व हुआ था, परन्तु नियुक्ति उसके पश्चात हुई थी को पुरानी पेंशन प्रणाली से आच्छादित किये जाने से सम्बन्धित शासनादेश निर्गत किया जाये।
कोरोना काल के पश्चात टाइम एण्ड मोशन स्टडी आदेश के अन्तर्गत कोरोना काल में बाधित शिक्षण कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु ग्रीष्मकाल में विद्यालयों के संचालन का समय प्रातः 8.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक निर्धारित किया गया था। प्रदेश में व्याप्त भीषण गर्मी के कारण उक्त संचालन समय को पूर्व की भाँति प्रातः 07.00 से दोपहर 12.00 बजे तक किया जाये। वर्ष 2015 के बाद उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों की कोई पदोन्नति नही हुई है। चयन वेतनमान में एक ही पद पर 12 वर्ष पूर्ण कर लेने के पश्चात प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किये जाने की व्यवस्था है, परन्तु 2005 के पश्चात प्रोन्नत वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही भी नही की गयी है। अतः एक माह के अन्दर शिक्षकों की पदोन्नति तथा प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किये जाने हेतु निर्देश जारी किये जायें। उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों के अन्तः जनपदीय एवं अन्तर्जनपदीय सामान्य स्थानान्तरण विगत कई वर्षों से नहीं हो रहे हैं। सामान्य स्थानान्तरण किये जाने हेतु आदेश निर्देश निर्गत किया जाये ।अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण में भी अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण की भाँति प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय एवं सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय को एक दूसरे के साथ पारस्परिक स्थानान्तरण की व्यवस्था प्रदान की जाये। अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण में शिक्षक की सेवा अवधि को 50 प्रतिशत भारांक के अन्तर्गत रखा जाये अर्थात अन्य श्रेणी के भारांक कुल भारांक के 50 प्रतिशत से अधिक निर्धारित न किये जायें। आकांक्षी जनपदों के शिक्षकों का भी अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण किया जाये । महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ०प्र० लखनऊ के द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम आहरण, विभिन्न प्रकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र के निर्गमन, प्रोन्नत वेतनमान एवं चयन वेतनमान की स्वीकृति, समस्त अनुशासनिक कार्यवाहियों एवं निर्गत नोटिसों का निस्तारण तथा मानव संपदा पोर्टल पर संशोधन अपडेशन सम्बन्धी प्रकरणों का निस्तारण मानव संपदा पोर्टल के माड्यूल के माध्यम से किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। उक्त माड्यूल ठीक ढंग से कार्य नही कर रहा है जिसके कारण शिक्षकों के उक्त कार्य बाधित हैं। माड्यूल को ठीक ढंग से संचालित किये जाने की कार्यवाही की जाये साथ ही प्रोन्नत वेतनमान एवं चयन वेतनमान की स्वीकृति की प्रक्रिया में संशोधन करते हुए अन्य कार्यों की भाँति उसको भी शिक्षक के मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से आवेदित किये जाने की व्यवस्था की जाये। कतिपय शिक्षकों के मानव संपदा पोर्टल में उनके व्यक्तिगत विवरण एवं उनको प्राप्त होने वाले विभिन्न अवकाशों के अंकन में त्रुटियां होती हैं। उक्त त्रुटियों में संशोधन की प्रक्रिया अत्यन्त जटिल है। जिन शिक्षकों के मानव संपदा पोर्टल के विवरण में उक्त त्रुटियां पायी जाती हैं उस शिक्षक द्वारा ऑनलाईन आवेदन खण्ड शिक्षा अधिकारी को भेजा जाता है। खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त आवेदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पोर्टल पर फारवर्ड किया जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त आवेदन को महानिदेशक कार्यालय में भेजा जाता है। वहाँ से त्रुटियों का संशोधन किया जाता है, परन्तु संशोधित विवरण का स्टेटस पोर्टल पर प्रदर्शित नही होता। ऐसी दशा में विवरण में संशोधन हुआ अथवा नही, इसकी जानकारी नही हो पाती। इस संशोधन की प्रक्रिया को यदि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्पादित कराया जाये, तो त्रुटिपूर्ण विवरणों को संशोधित कराना सरल हो जायेगा। अतः शिक्षकों के मानव संपदा पोर्टल पर अंकित त्रुटिपूर्ण विवरणों को संशोधित करने का अधिकार सम्बन्धित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रदान किया जाये। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि छात्रों के प्रवेश के समय आधार कार्ड अनिवार्य न किया जाये। ऐसी दशा में सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा छात्र का नामांकन करते समय छात्र के अभिभावक द्वारा घोषित छात्र की जन्म तिथि व अन्य विवरण के आधार पर प्रवेश किया जाता है बाद में जब अभिभावक द्वारा छात्र का आधार कार्ड विद्यालय में प्रस्तुत किया जाता है तब कभी-कभी विद्यालय के अभिलेख में अंकित विवरण एवं आधार कार्ड में अंकित विवरण में भिन्नता आ जाती है, कारणवश छात्र का डी०बी०टी० अपडेट नही हो पाता है। अतः ऐसे छात्र जिनका नामांकन बिना आधार कार्ड के किया गया है, उनका आधार कार्ड बनवाने के लिए सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक से उनका विवरण सत्यापित कराकर उसके आधार पर आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया सम्पन्न कराने हेतु आवश्यक निर्देश जाती किये जायें। ऐसे विकास खण्ड जहाँ पर खण्ड शिक्षा अधिकारी उपलब्ध न होने के कारण अन्य विकास खण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी बना दिया जाता है। उस विकास खण्ड में एल02 के रूप में उनकी आई०डी० जनरेट नही हो पाती। उक्त समस्या का निराकरण किया जाये। 01 अप्रैल 2014 के बाद शिक्षकों को मिलने वाली सामूहिक बीमा की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। अतः सामूहिक बीमा के नाम पर लाखों शिक्षकों से की गई कटौती की धनराशि को सम्बन्धित शिक्षकों को वापस किया जाये, तथा सामूहिक बीमा की बीमित धनराशि रूपये 10 लाख की जाये । दिव्यांग वाहन भत्ता में बढ़ोत्तरी किये जाने सम्बन्धी शासनादेश, राज्य कर्मचारियों हेतु जारी किया गया तथा उसका लाभ उनको मिल रहा है परन्तु उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों को विभागीय आदेश निर्गत न होने के कारण संशोधित वाहन भत्ते का लाभ नही मिल रहा है। उक्त के सम्बन्ध में विभागीय निर्देश दिए जाने की मांग शामिल है । इस अवसर पर भवमेश श्रीवास्तव, आलोक, विकास, पकज सिंह, बुद्धि सागर शुक्ला, गौरव सिंह, सत्यप्रकाश पाठक, अशोक गौतम, आलोक शमी, जसवंत शुक्ला, राजकुमार मिश्रा, मनोज, कियेन अहमद, वैभव शुक्ला, जीतन सिंह, आलोक शुक्ला, अमित सिंह, कैलाशनाथ पाण्डेय आनन्द, आलोक शर्मा, केशव राज बर्मा, कुसुम कुमारी व मुकेश सहित सैकडो शिक्षक उपस्थित रहे ।
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