बस्ती के दुबौलिया थाना क्षेत्र में नानी की तबीयत देखने आई किशोरी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसके शव को कमरे में पंखे से लटकता पाया गया, जबकि पैर नीचे बेड से टिका हुआ था। पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में नानी के घर आई किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कमरे में उसका शव पंखे के सहारे फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया गया। घटना से गांव में सनसनी फैल गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह दुबौलिया थाना क्षेत्र के बैरागल गांव में ननिहाल आई किशोरी जागृति उर्फ डाली का घर के दूसरी मंजिल पर बने कमरे में पंखे से लटकता हुआ शव पाया गया है।
सुसाइड बना रहस्य: लोगों की माने तो किशोरी का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था, लेकिन उसके पांव बिस्तर से टिके हुए थे, जिसके कारण से किशोरी की आत्महत्या को लेकर रहस्य बना हुआ है! रस्सी के सहारे शरीर का हवा में ना झूलना प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
1 महीने पहले आई थी किशोरी
बताया जाता है कि संतकबीरनगर जिले के हरैया थाना क्षेत्र अंतर्गत धर्मसिंघवा गांव के रहने वाले राम जियावन की बेटी जागृति अपनी मां पुष्पा देवी और छोटी बहन लक्ष्मी के साथ एक माह पहले नानी को देखने ननिहाल जगन्नाथ तिवारी के घर आई थी। दरअसल बैरागल गांव के रहने वाली नानी प्रभावती बीमार थीं, उन्हें देखने ही पूरा परिवार आया था।
सोने के लिए कमरे में गई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मां पुष्पा देवी ने बताया कि शुक्रवार रात उसने सबके साथ खाना खाया और सब अपने-अपने कमरों में सोने चले गए थे। जागृति दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में सोई थी। सुबह जब वह कमरे से निकाल कर बाहर नहीं आई तब उसे आवाज़ लगाई गई, लेकिन कोई जवाब ना मिला। जिससे परिवार वाले परेशान हो गए।
दरवाजा तोड़ा
जागृति के द्वारा कोई प्रतिक्रिया न दिए जाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य दूसरे छत से होकर कमरे के खिड़की में झांके के तो पांव तले जमीन खिसक गई, जागृति पंखे के सहारे फांसी के फंदे से लटक रही थी। तब लोग दरवाजा तोड़कर कमरे में दाखिल हुए।
जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही दुबौलिया पुलिस मौके पर पहुंच गई। जांच के लिए मौके पर फारेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिसने कमरे से जरूरी साक्ष्य एकत्र किए। शव को नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, सभी पहलुओं पर गहराई से जांच की जा रही है, जांच रिपोर्ट आने के उपरांत स्पष्ट हो जाएगा की घटना आत्महत्या है या किसी की साजिश।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
जागृति चार बहनों में तीसरे नंबर पर थी। ननिहाल में आए हर रिश्तेदार की आंखें नम थीं। मां पुष्पा बार-बार यही दोहराती रहीं "कल तक जो बेटी खिलखिला रही थी, वो आज अचानक कैसे हमें छोड़कर चली गई?"
गांव में भी इस घटना की चर्चा गहराई से हो रही है। कुछ लोग इसे मानसिक तनाव का असर मान रहे हैं तो कुछ इसे संदेहास्पद मौत बता रहे हैं।
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