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मनकापुर का सरकारी अस्पताल: टॉयलेट रूम में बैठकर डॉक्टर करते हैं इलाज

गोंडा का मनकापुर सीएचसी, टॉयलेट रूम में चलती है ओपीडी, गर्मी में मरीज परेशान, कागजों में चल रहा है हिट वेब कोल्ड रूम, चलने के बजाय रेंगते हैं पंखे, कूलर हुआ कबाड़।


उत्तर प्रदेश के गोंडा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में व्यवस्थाओं के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं, अस्पताल की व्यवस्था और सुविधा को मेनटेन करने के लिए सरकार से लाखों लाख रुपए मिलने के बावजूद मरीजों को गर्मी से दो चार होना पड़ता है। बदहाली का आलम यह बन चुका है कि डॉक्टर टॉयलेट रूम में बैठकर ओपीडी चला रहे हैं। 

मनकापुर सीएचसी व्यवस्था
गर्मी में पंखा विहीन अस्पताल के अंदर मरीज


प्राप्त जानकारी के मुताबिक मनकापुर सीएचसी में जितनी सरकारी सुविधाओं को लागू करने के लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, उसके सापेक्ष धरातल पर शून्य नजर आता है। यहां का आलम यह हो चला है कि स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर मरीजों तक भीषण गर्मी में अस्पताल के भीतर निजात मिलने के बजाय परेशान होना पड़ रहा है। 

लैब से रिपोर्ट के इंतजार में गर्मी से बेहाल तीमारदार
लैब से रिपोर्ट के इंतजार में गर्मी से बेहाल तीमारदार व मरीज


मरीजों के सापेक्ष सुविधा मामूली

बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में प्रतिदिन ढाई सौ से साढ़े तीन सौ ओपीडी होती है। अत्यधिक मरीजों के आने से अस्पताल में सुविधाओं का अभाव दिखाई देता है। मरीज को बैठने से लेकर भर्ती करने तक वार्ड और बेड की समस्याएं बनी रहती हैं। वर्तमान में अस्पताल के इमरजेंसी रूम के पड़े बेड के साथ-साथ बगल में पड़े अतिरिक्त इमरजेंसी रूम भी भरे स्थिति में दिखाई पड़ते हैं। लेकिन इमरजेंसी के दोनों रूम में लगे हुए पंखे चलने के बजाय रेंगते हुए नजर आते हैं। रूम के अंदर घुसते ही उमस और बदबू से मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। लेकिन मरता क्या न करता के तर्ज पर भीषण उमस और बदबू के बीच मरीज भर्ती होने के लिए विवश है।

केवल कागजों में कोल्ड रूम
केवल कागजों में कोल्ड रूम 


कोल्ड रूम की औपचारिकताएं 

इमरजेंसी रूम के बगल दूसरे वार्ड को भीषण गर्मी को देखते हुए हीट वेव कोल्ड रूम का नाम दिया गया है, लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता ही साबित हो रही है। गर्मी से बेहाल होकर आए मरीज को यहां गर्मी से निजात नहीं बल्कि गर्मी से जूझना पड़ रहा है।

केवल कागजों में कोल्ड रूम पंखे kharab
केवल कागजों में कोल्ड रूम पंखे खराब


 रूम में लगे हुए दो पंखे खराब अवस्था में बंद पड़े हैं, जबकि दो पंखे तेजी से चलने के बजाय रेंग रहे हैं। गजब की बात यह है कि बीते दो वर्षों से इस रूम में पड़ा हुआ कूलर आज तक नहीं बन पाया। इन दिनों वह हीट वेव रूम के मुख्य द्वार पर चौकीदार बनकर खड़ा है। 

जमीन पर बैठे मरीज


बैठने व पंखे की नहीं व्यवस्था 

अस्पताल में घुसते ही बिल्डिंग के मुख्य द्वार पर सीमेंटेड बैठने की व्यवस्था मामूली साबित हो रही है। इसके अलावा ओपीडी रूम के पास पड़ा एक बेंच आए हुए मरीजों के सापेक्ष ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। चिकित्सकों का इंतजार करने वाले मरीज के लिए पूरे बिल्डिंग में कहीं भी पंखे की व्यवस्था नहीं उपलब्ध है। दूर दराज से आए हुए मरीजों को फर्श पर बैठकर अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ता है। वही पंखा नहीं लगे होने के कारण लोगों को दवाओं के पर्चे व मेडिकल रिपोर्ट लेकर खुद को हवा देना पड़ता है।

डॉ आलोक कुमार चौधरी की ओपीडी में भीड़
डॉ आलोक कुमार चौधरी की ओपीडी में भारी भीड़


एक अनार सौ बीमार 

अस्पताल में डॉक्टर आलोक कुमार चौधरी अकेले मरीजो के साथ जूझते नजर आते हैं। इनके ओपीडी रूम की स्थिति सुबह के 8:00 से दोपहर के ढाई बजे तक देखने लायक होती है। छोटे से ओपीडी रूम में खचाखच मरीज भरे नजर आते है। ऐसे में मरीज आपस में ही धक्का मुक्की की स्थिति बनाए रखते हैं। 

टॉयलेट रूम में चलती ओपीडी
टॉयलेट रूम में चलती ओपीडी


टॉयलेट रूम में चलती है ओपीडी 

डॉ नीरज गुप्ता, को तैनाती के बाद ओपीडी करने के लिए कोई रूम नहीं मिल सका, ऐसे में उन्होंने मरीजों को देखने के लिए अस्पताल के अलग-अलग रूम में नजर डाला, लेकिन कोई ठिकाना नहीं मिला, डॉक्टर नीरज गुप्ता ने अस्पताल के अंदर बने टॉयलेट और बाथरूम को ओपीडी रूम में कन्वर्ट कर लिया। अब डॉक्टर नीरज गुप्ता बाथरूम में बैठकर ओपीडी करते हैं, वही कंबाइंड टॉयलेट रूम के दरवाजे को तार से बांधकर बंद किया गया है। 

एक्स-रे रूम में टेबल फैन का सहारा
एक्स-रे रूम में टेबल फैन का सहारा


निजी व्यवस्था से हवा 

जानकारों की माने तो एक्स-रे रूम को पूर्णतया एसी होना चाहिए, लेकिन यहां की स्थिति इसके विपरीत है। एक्स-रे रूम में एसी दूर की बात है, लगा हुआ पंखा भी चलने के बजाय केवल हिल रहा है। ऐसे में एक्स-रे टेक्निशियन गर्मी से निजात पाने के लिए खुद एक छोटा पंखा लगा कर अपनी गर्मी की पीड़ा को कम कर रहे हैं। 


क्या कहती है सीएमओ

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने दूरभाष पर बताया कि अस्पताल में गर्मी से निजात पाने के लिए उचित व्यवस्था कराई जाएगी। महिला डॉक्टर को फ्रंट पर बैठने का विकल्प बनाया जाएगा। टॉयलेट रूम में ओपीडी चलने की बात संज्ञान में नहीं है, उसे भी देख कर व्यवस्थित कराया जाएगा।

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