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मनकापुर चीनी मिल हादसा, युवक के मौत के बाद मुख्य द्वार पर हुआ घंटों प्रदर्शन

गोंडा के मनकापुर चीनी मिल में काम करने के दौरान मजदूर की चोट लगने से मौत, साथी श्रमिकों की सूचना पर पहुंचे परिजन, चीनी मिल के मुख्य द्वार पर किया प्रदर्शन। 



कृष्ण मोहन 

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बलरामपुर चीनी मिल के दतौली इकाई में काम करने के दौरान चोट लगने से एक मजदूर की मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिल प्रशासन के न देने से परिजनों में रोष व्याप्त हो गया। मृतक के परिजनों ने मिल के मुख्य द्वार पर नाराजगी जाहिर करते हुए धरना प्रदर्शन किया।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार को बीसीएम ग्रुप की दतौली इकाई मनकापुर चीनी मिल में चीनी के बोरियों पर चढ़ने के दौरान मिल मजदूर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। जिससे मिल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मिल प्रशासन ने घायल मजदूर को तत्काल जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि घायल की मौत हो चुकी है। 



जाने क्या है पूरा मामला 

परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक मनकापुर थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत दतौली चौकी क्षेत्र के बनकसिया शिवरतन गांव के मजरे कोटिया के रहने वाले 45 वर्षीय सुभाष कुमार तोमर पुत्र गंगाराम चीनी मिल में ठेकेदार के अधीन बीते कई वर्षों से मजदूरी करते थे। परिजनों ने बताया कि बीती रात फोन करके चीनी का बोरा पैकिंग के लिए बुलाया गया था। लोगों ने बताया कि चीनी के बोरे इकट्ठा करके चट्टा लगाया गया था, जिसको ढकने के लिए त्रिपाल डाला जा रहा था, तभी हादसा हो गया, जिससे गिरकर सुभाष गंभीर रूप से घायल हो गया। 


मिल प्रशासन में हड़कंप 

हादसा होते ही चीनी मिल प्रशासन में हड़कंप मच गया, मिल कर्मियों ने मजदूर को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि मजदूर की मौत हो चुकी है। 



चीनी मिल ने दिखाई हठधर्मिता 

परिजनों का आरोप है कि हादसे के बाद चीनी मिल प्रशासन या मिल के किसी अधिकारी ने परिवार वालों को सूचना देना उचित नहीं समझा, सहकर्मियों के जरिए हादसे की जानकारी हुई। तब परिजन और दर्जनों ग्रामीण चीनी मिल के मुख्य द्वार पर पहुंच गए। चीनी मिल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मुख्य द्वार पर धरना दे दिया। लेकिन, चीनी मिल प्रशासन ने हठधर्मिता दिखाते हुए मुख्य द्वार पर प्रदर्शन होने के बावजूद परिजनों से मिलना मुनासिब नहीं समझा। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो सुभाष की मौत के बाद मौके पर पहुंची सुभाष की पत्नी और बच्चे रो-रो कर बेहोश होने की स्थिति में पहुंच गए। लगभग 4 घंटे तक मिल प्रशासन का कोई भी अधिकारी झांकने नहीं आया। मिल के अड़ियल रवैए में चार घंटे से अधिक समय बीतने के बाद तब बदलाव हुआ जब जनप्रतिनिधियों ने मामले में दखल देना शुरू कर दिया।उससे पहले मिल प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंगा।


बेटी के हाथ होने थे पीले

सुभाष की पत्नी कुसुम कला ने रो रो कर बताया कि उसकी चार बेटियां और दो बेटे हैं, बड़ी बेटी काजल 20 वर्ष की हो चुकी है, बेटी के हाथ पीले होने से पहले सुभाष दुनिया छोड़ चले, वही 17 वर्षीय आंचल, 12 वर्षीय कोमल, 10 वर्षीय अनिकेश, 8 वर्षीय शिवानी और 6 वर्षीय अनमोल अभी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों के पिता पर ही घर के खर्चे से लेकर बच्चों के पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी थी।


चीनी मिल ने नहीं उठाया फोन

इस बाबत चीनी मिल का पक्ष जानने के लिए एचआर जीके रावत बार-बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। 


बोले इंस्पेक्टर 

मामले में मनकापुर प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार पाठक ने दूरभाष पर बताया कि पैर फिसलने से मजदूर की मौत हुई है, परिजनों की मांग है कि मुआवजे में 20 लाख रुपए और नौकरी दी जाए, मामले में चीनी मिल प्रशासन और परिजन आपस में बातचीत करेंगे, मौके पर पुलिस फोर्स के साथ मौजूद हूं। सब कुछ नियंत्रण में है।

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