हापुड़ में मजदूर को करोड़ों की नोटिस, जीएसटी के जरिए थमाई गई करोड़ों की नोटिस, 300 की दिहाड़ी करने वाले मजदूर की किसी ने नहीं सुनी फरियाद।
सुनील गिरी
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में चौंकाने वाला मामला देखने को मिला है। यहां एक मजदूर को करोड़पति होने का झटका दिया गया है। 2 जून की रोटी के लिए मेहनत मजदूरी को लेकर सोचने वाला व्यक्ति इन दिनों आयकर विभाग की नजर में करोड़ों का मालिक बन चुका है।
मामला जिले के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत राणा पट्टी महादेव मोहल्ले से जुड़ा हुआ है। मजदूरी करके रोटी रोजी चलाने वाले सुभाष सिंह तोमर को आयकर विभाग ने 7 करोड़ का नोटिस थमा दिया है। जिसको लेकर सुभाष के पसीने छूट रहे हैं। मामले में सुभाष ने न्याय लगाई है।
सपनों में भी नहीं देखे इतने रुपए
सुभाष का मानना है कि वह 300 रुपए प्रति दिन की मजदूरी करके अपना गुजारा करता है, 7 करोड रुपए कितने होंगे, उसने सपने में भी इतनी बड़ी रकम इकट्ठे नहीं देखा है। सुभाष ने कहा कि काश कि आयकर विभाग के नोटिस के मुताबिक मैं वाकई इतना रईस होता तो क्या पूछना था।
अब जाने पूरा मामला
हुआ कुछ यूं था कि वर्ष 2024 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मजदूर सुभाष को एक नोटिस भेजा था। लेकिन सुभाष ठहरा मजदूर आदमी, उसे अपने मजदूरी की फिक्र थी ऐसे में काम में उलझ कर नोटिस को रख दिया था। लेकिन आयकर विभाग चुप नहीं बैठा था, वह सुभाष से रुपए पाने का इंतजार कर रहा था। वर्ष 2025 में जब इनकम टैक्स ने सुभाष के सिर पर कार्रवाई का हथौड़ा चलाने की तैयारी बनाई, तब सुभाष अपनी मजदूरी की दुनिया से बाहर निकाला। सुभाष को तभी अहसास हुआ कि वह तो करोड़ों के ट्रांजैक्शन का स्वामी है।
कहां से हुई गड़बड़ी
दरअसल, नोटिस के बाबत बताया जा रहा है कि धौलाना के निजी अस्पताल से दो ट्रांजैक्शन के हेरफेर में सुभाष शिकार हुआ है, जिसका सुभाष से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।
एक और मुसीबत
सही मायने में देखा जाए तो इस नोटिस ने सुभाष के गरीबी की बड़ी सजा दी है। सुभाष की माली हालत ठीक नहीं है। सुभाष के मुताबिक इस मामले से निजात पाने के लिए वकील रखना पड़ेगा, जिसको देने के लिए उसके पास फीस के भी रुपए नहीं है। ऐसे में सुभाष असहज व परेशानी महसूस कर रहा है।
किसी ने नहीं सुनी फरियाद:पीड़ित की पत्नी
सुभाष की पत्नी तारा तोमर के मुताबिक उसका पति वर्तमान में बीमारी की अवस्था में है बच्चे अभी छोटे हैं, वकील को देने के लिए रुपए नहीं है। कोई फरियाद सुनने को राजी नहीं है। तीन नोटिस थमाने के बाद विभाग से दो लोग आए थे, घर को सील करने की धमकी देकर गए हैं। अधिकारियों के पास जाने पर पता चला कि गाजियाबाद के बंधन बैंक से लेनदेन हुआ है, हमारा पैन कार्ड उनके पास कैसे पहुंचा यह भी नहीं पता है। ऐसी स्थिति में उसे कहीं भी न्याय नहीं मिल पा रहा है।
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