जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित एमएलके पीजी कॉलेज में सोमवार को पंडित बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य की सात दिवसीय निःशुल्क कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन प्रतिभागियों को कथक नृत्य की प्राथमिक जानकारी दी गई।
2 जून को कथक कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय, प्रो0 एस पी मिश्र, कथक गुरु हर्षिता चौहान व कार्यशाला संयोजक महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि कथक कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को कथक नृत्य की मूल बातें सिखाना और इस कला रूप के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह कार्यशाला न केवल नृत्य की तकनीक सिखाती है बल्कि इसके पीछे की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को भी समझने का अवसर प्रदान करती है। प्रो0 एस पी मिश्र ने कहा कि गायन, वादन व नृत्य का समागम संगीत है और संगीत मन को आनन्दित करती है। कथक गुरु हर्षिता चौहान ने बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग व एम एल के महाविद्यालय का आभार जताते हुए कहा कि यह एक अच्छा व सुखद अनुभव है कि आज का युवा अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक को सीखने के लिए उत्सुक है।
उन्होंने ने कथक की प्राथमिक जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला में प्रतिभागियों को कथक नृत्य की बुनियादी तकनीकों, जैसे कि फुटवर्क, हाथ की चाल, और विभिन्न प्रकार की गति का प्रशिक्षण दिया जाता है। कार्यशाला संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ चौहान ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि कथक नृत्य न केवल एक नृत्य कला है बल्कि यह आत्म-अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को नृत्य के माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर मिलता है । इस अवसर पर डॉ वंदना सिंह व रिंकी तिवारी सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे
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