अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के ग्राम रछौढ़ा देवरिया में शिव लोक कुंज भोलानंद आश्रम पर चल रही संगीतमय श्री राम कथा के सप्तम दिवस पर श्री अयोध्या धाम से पधारे संत सर्वेश जी महाराज ने राम केवट चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि केवट ने राम जी के कहने पर नाव इस लिए नहीं लाए क्योंकि वो प्रभू का चरण पखारना चाहते थे। तुलसी दास जी ने श्री राम चरित्र मानस में लिखते हैं कि मांगी नाव न केवट आना कहई तुम्हार मर्म मै जाना छुअत सिला भई नारी सुहाई पाहन ते न काठ कटीनाई । कथा का शुभारंभ पूर्व सांसद दद्दन मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कथा ब्यास संत सर्वेश ने कहा कि पूर्व जन्म में यही केवट कछुआ था। चार सागर का और जब प्रभु विष्णु जी के चरण छूना चाहता था तो शेष जी अपने फानो से उसको अलग कर देते थे। आज वहीं शेष नाग रूपी लक्ष्मण जी और भगवान विष्णु राम के रूप में गंगा के तट पर खड़े हैं। और वही कछुआ केवट बना है और प्रभु के चरण को धुलना और स्पर्श कर प्रणाम करना चाहता है। कहते है केवट आशीर्वाद लेता है तब नाव पर बिठाकर और प्रभू को पार पर कराता है। जानकी जी को पता चला की देने के लिए राम जी के पास कुछ नहीं है तो उन्होंने अपनी अंगूठी को निकाल कर और राम जी को दिया। केवट को जब राम जी उतराई देने लगें तो वो मना कर दिए।गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है कि फिरती बार मोहि जो देबा सोई प्रसाद मैं सिर धरि लेबा बहुत काल मै किन्हीं मजूरी आज दिनह बहु भल भूरी। कथा का श्रवण कर श्रोता मंत्र मुग्ध दिखे। कथा में आए लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद दद्दन मिश्र ने कहा की कलयुग राम से बड़ा राम का नाम है। श्रीराम कथा श्रवण मात्र से ही सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दौरान दौरान सदर विधायक पलटू राम, भाजपा जिला अध्यक्ष रवि कुमार मिश्रा, मनीष शुक्ला, ऋषि राज मिश्रा, पप्पू शुक्ला, अरुण शुक्ला, विश्वनाथ शुक्ला, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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