ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। जिले के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर की सख्ती के बावजूद मोतीगंज पुलिस पीड़ितों और फरियादियों को न्याय मुहैया कराने के बजाय दबंगों के साथ खड़ी नजर आ रही है। बेलगामी का आलम यह है कि मामलों की निष्पक्ष जांच कराकर उन्हें विधि पूर्वक न्याय मुहैया कराने की बात तो दूर, पीड़ितों को ही जबरन थाने पर लाकर दबंगों के पक्ष में लिखा पढ़ी कराकर जेल भेजने की धमकी दी जाती है और दबाव बनाकर उनसे हस्ताक्षर कराकर मामले का अपने मनमाफिक पटाक्षेप कर दिया जाता है।
मामला जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बेलावा का है, जिसमें पीड़िता सुदामा पत्नी बलदेव ने गांव के ही राम औतार पुत्र सोहन से जरिए पंजीकृत बैनामा जमीन क्रय किया था। तभी से पीड़िता क्रय की गयी जमीन गाटा संख्या 1194 पर मालिक व काबिज है। आरोप है कि इस फसल की बुवाई के लिए जब पीड़िता ने पानी चलवायी, तभी से विक्रेता राम औतार मोतीगंज थाने की पुलिस तथा किसी अन्य गांव के दबंग प्रधान की सह पर बिना किसी विधिक हैसियत से क्रेता के कब्जा दखल में हस्तक्षेप कर रहा है। पीड़िता व उसके परिवार वाले स्थानीय पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक का चक्कर काट रहे हैं। मोतीगंज पुलिस दबंगों के इशारों पर पीड़िता व उसके परिवार वालों का लगातार उत्पीड़न कर रही है, जिसमें आज पुलिस अपनी सारी हदें पूरी करते हूए पीड़ित व उसके परिवार को जबरन थाने पर उठा ले गयी और मनमानी शर्त लिखा कर उस पर जेल भेजने की धमकी देकर हस्ताक्षर बनवा लिया है।
इस संबंध में पीड़ित परिवार ने स्थानीय थाने की पुलिस से उत्पीड़ित होकर चेतावनी दी है कि जिला प्रशासन यदि मामले का संज्ञान लेकर बेलगाम मोतीगंज पुलिस पर लगाम नहीं लगाती है और न्याय नहीं मिलता है तो वह आत्महत्या को मजबूर होंगे।
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