Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

कुपोषण से निपटने के लिए लगा ‘‘सुपोषण स्वास्थ्य मेला"


अखिलेश्वर तिवारी
देहात परियोजना के 32 स्वास्थ्य उप केन्द्रों सहित जिले के 215 पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर जिले के सभी स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। मेले के दौरान लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने दैनिक पोषाहार से बने हुए व्यंजनों का प्रदर्शन किया और साथ ही साथ मेले में आये हुए सभी लाभार्थियों को पोषण व स्वास्थ्य संबंधी परामर्श भी दिया गया।

                       जानकारी के अनुसार देहात परियोजना के 32 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों सहित गैंजहवा खुर्द में बुधवार को सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। मेले के दौरान मुख्य सेविका प्रेमलता ने महिलाओं को जागरूक करते हुए बताया कि शासन द्वारा शुरु की गई इस योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा, किशोर व किशोरी कुपोषित न रहे और सभी का समुचित शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इस योजना से लाभान्वित किया जा सके ताकि जच्चा बच्चा दोनांे स्वस्थ्य रहें। एएनएम पूनम सिंह ने बताया कि शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लम्बे समय तक नही मिलना ही कुपोषण का प्रमुख कारण है। कुपोषण के कारण व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे वह आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते है। उन्होने बताया कि बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध ही पिलाये और ऊपर से कुछ भी ना दे। किशोरियों को भी आयरन की नीली गोली के फायदे के बारे में बताया गया। इसके साथ साथ हाथ धुलने का तरीका भी बताया, अंत मे पोषाहार से बनी हुई चीजों का वितरण भी किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन सिंह व रेखा ने बताया महिलाओं को गर्भवती होने के बाद से ही संतुलित आहार दिया जाये तो कुपोषण की समस्या पैदा ही नही होगी। कहा कि इसका एक पहलू स्वच्छता भी है क्योंकि हमारे आसपास के परिवेश में स्वच्छता न होने से कई बीमारियों फैलती है। इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना हमारा नैतिक दायित्व है। मेले के दौरान स्वस्थ्य, पोषण और परामर्श सेवा के काउंटर भी लगाये गये। इस दौरान मीना कुमारी, बीना यादव, राजकुमार सहित कई गर्भवती, धात्री महिलाएं, किशोरियां व बच्चे मौजूद रहे। जिला कार्यक्रम अधिकारी के.एम. पाण्डेय ने बताया कुपोषण के इस परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में सुपोषण स्वास्थ्य मेला के जरिये कुपोषण के खिलाफ जंग का एलान किया हैं। यह सुपोषण मेला प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को जिले के 215 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर लगाया जाता है, जिसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपसी समन्वय स्थापित कर अपने कार्यक्षेत्र की समस्त गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, किशोरियों व बच्चों को बुलाकर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने का काम करती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे