रमेश कुमार मिश्रा
गोण्डा।गोण्डा जिले का परसपुर थाना दबंगो के आगे नतमस्तक हो चुका है जहाँ किसी अधिकारी का कोई आदेश मायने नही रखता हर गरीब परिवार पर दबंगो क कहर जारी है और पुलिस दबंगो का ही साथ दे रही वो भी खुलेआम।दबंगो के कहर से अपनी छे महीने की गर्भवती पत्नी खो चुका रफीक दो छोटे छोटे बच्चो को लेकर अधिकारियों के चौखट पर माथा रगड़ रहा है और सुनवाई के नाम पर केवल झुनझुना दिखाया जारहा है।
वो भी येसे गरीब पीड़ित जिसके घर में खाने का राशन भी नही है।किसी तरह पत्नी की मौत के बाद बच्चो की परवरिश कर रहा है।और मुकदमा पंजीकृत होने के बाद भी दबंग पुलिस की सह पर खुलेआम पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देरहे है।लेकिन परपुर पुलिस के सामने गरीब के आँसू कोई मायने नही रखते।
वो भी येसे गरीब पीड़ित जिसके घर में खाने का राशन भी नही है।किसी तरह पत्नी की मौत के बाद बच्चो की परवरिश कर रहा है।और मुकदमा पंजीकृत होने के बाद भी दबंग पुलिस की सह पर खुलेआम पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देरहे है।लेकिन परपुर पुलिस के सामने गरीब के आँसू कोई मायने नही रखते।
बताते चले की परसपुर थानाक्षेत्र के ग्रामसभा मोहना के मजरा शेखनपुरवा निवासी रफीक पुत्र हासिम ने बताया की साहब बच्चो के विवाद को लेकर दबंग शाहरूकखान,सलमान खान,पुत्र शहजाद अली,आजाद पुत्र लिल्लाही व मुकीम पु्त्र इस्ती जो उपरोक्त गाँव के निवासी है 16/04/2020को सुबह6बजे घर पर आकर भददी भददी गाली देने लगे बोलने पर पत्नी सविउननिशा को लाठी डन्डे से पीटने लगे बचाने दौड़ी माँ अमीनाबानो को भी मारने लगे हल्ला गोहार होने पर गाँव वाले बीच बराव किये घायल पत्नी को लेकर परसपुर थाने पर गये जहाँ से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया हालात गम्भीर होने पर जिला अस्पताल रिफर कर दिया।परसपुर से गोण्डा दौड़ते रहे लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।लाकडाऊन के कारण डाक्टरो व पुलिस की लापरवाही से तीन दिन बाद पत्नी सविउननिशा ने दम तोड़ दिया जो छे महीने की गर्भ से थी।बाद में मुकदमा पंजीकृत करने के बाद थाने के दरोगा बिरेन्द्रपाल दबंगो से मिली भगत करके उलटा दबाव बनाने लगे।चार अभियुक्त की जगह दो लोगो की गिरप्तारी दिखाकर इति श्री करली।दो लोग खुलेआम घूम घूम कर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देरहे है।जब थाने पर जाते है तो दरोगा बिरेन्द्रपाल गाली देकर भगा देते है और कहते है अब कुछ नही हो पायेगा। साहब हमारे दो छोटे छोटे बच्चे है कहाँ चले जाये कही कोई सुनवाई नही होरही है।गरीब की कोई सुनने वाला नही है।ये है कहानी रफीक की जो गरीबी से लाचार पत्नी को खोने के बाद बदहवास अवस्था में अधिकारियों के चौखट पर मत्था पटक पटक कर न्याय की गोहार लगा रहा है।लेकिन थाने के दबंग दरोगा बिरेन्द्रपाल के आगे सभी अधिकारियों के आदेश बौने साबित हो रहे है।दबंगो की धमकी से आजिज पीड़ित रफीक दोनो छोटे छोटे बच्चो को लेकर दर दर की ठोकरे खारहा है लेकिन परसपुर पुलिस व दबंगो के गठजोड़ के आगे गरीब के आँसू कोई मायने नही रखते।क्षेत्र के लोगो से एक ही आवाज आरही है की एसपी साहब गरीब रफीक को कब न्याय मिलेगा जिसके घर में खाने तक के राशन की व्यवस्था नही है।
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