Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

AYODHYA:कोरोनाकाल में कोई परीक्षा न हो, 15 अगस्त से पूर्व परीक्षा का होगा विरोध: इन्द्रसेन यादव



वासुदेव यादव 
अयोध्या। एक ओर देश के मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि देश मे कोरोनाकाल संकट के कारण कम से कम 15 अगस्त तक कोई भी शैक्षणिक गतिविधि को स्वीकृति देने का सवाल ही नही उठता। फिर भी वहीं आज डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या ने अपनी परीक्षा तिथियों को घोषित कर दिया। ऐसे में जब प्रदेश ही नही देश मे स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ,ऐसे में ये गैर जिम्मेदाराना निर्णय ले लेना किसकी समझदारी कही जाएगी।
देश के साथ प्रदेश में “कम्युनिटी कोरोना वायरस कोविद 19 स्प्रेड” का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। दिल्ली इसकी बानगी है, इस कंडीशन में क्या अवध विश्वविद्यालय प्रशासन का ये निर्णय न्यायोचित है!
किसी भी छात्र या परिजन से पूछियेगा तो वो यही कहेंगे जीवन से बढ़कर कुछ नही है। देश काल मे परिस्थितियां ऐसी नही हैं कि हम लोगों के जीवन से खतरा मोल ले सकें। प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार इस वक़्त सोशल डिस्टेंसिंग, यानी समुचित समाजिक सामुदायिक दूरी का लगातार प्रचार प्रसार कर रही है।
ऐसे में जब विद्यालय,स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय खुलेंगे तो क्या ये “दो ग़ज़ की सामाजिक दूरी” को हम अनुसरण कर पाएंगे! ये सोचने समझने वाला विषय है।
रोजाना उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार आंकड़े जारी करती है , लगातार बढ़ रहे मामलों में आज जब अवध विश्वविद्यालय ने नया परीक्षा शेड्यूल जारी किया है,उसी समय नए आंकड़े भी जान लीजिए जो प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए हैं.
आज का बयान “यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़त जारी,20293 लोग यूपी में कोरोना संक्रमित, यूपी में 611 लोगों की कोरोना से मौत,देश में कोरोना मरीजों की संख्या 4 लाख 81 हजार पार है” लगभग 5 लाख मरीज होने वाले है।
इन सब हालातों में अवध विश्वविद्यालय ने परीक्षा तिथियाँ घोषित कर दिया है। ऐसे में छात्रों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा। दूसरी तरफ़ छात्रों का शैक्षणिक सत्र शून्य है और बहुत से छात्र जो दूसरे ज़िले से हैं उनको भी परीक्षा स्थल आने पर बाध्य होना पड़ेगा। अवध विश्वविद्यालय के साथ साथ पूरे प्रदेश के छात्रों के लिए मनमानी चल रही है।
अब जब परीक्षा शुरू होगा तो कालेज परिसर विशेषतः छात्रों के लिए कितना सुरक्षित होगा ,अंदाज़ा लगाया जा सकता है । ये दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे सोशल डिस्टेंसिंग को कैसे पालन किया जाएगा इस पर भी आशंका है क्योंकि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत ही ज्यादा संवेदनशील विषय है।
प्रदेश सरकार के ब्यूरोक्रेसी मुखिया यानी मुख्य सचिव का निर्देश है कि राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षाएं 30 जून के बाद से आयोजित की जाएं। मुख्य सचिव का निर्देश है कि परीक्षा केंद्रों पर सैनेटाइज़ेशन और सेनेटाइजर का प्रयोग पूर्ण रूप से सुनिश्चित करवाया जाए। लेकिन यही बात है कि कह देने और निर्देश दे देने भर से और क्रियान्वयन में बहुत अंतर है।
बड़ा सवाल यही है कि क्या सोशल डिस्टेंसिंग हो पायेगा? बड़ा और गूढ़ सवाल यही है। यही डर भी पैदा करता है।
छात्रों के इसी सबसे महत्वपूर्ण विषय पर जहां सरकार और प्रशासन उदासीन है और सिर्फ आदेशों का फरमान जारी करके मुख्य विषय से अपना मुंह मोड़ ले रहा है. वहीं प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन समाजवादी छात्रसभा द्वारा पिछले दो हफ़्तों से परीक्षा, शुल्क और किराया को लेकर सरकार को चेतावनी दिया जा चुका है।
छात्र नेता इन्द्रसेन यादव ने कहा है कि छात्रहित के लिए हमेशा लड़े हैं, हमेशा व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाई है, इस महत्वपूर्ण विषय पर हम मौजूदा सरकार से सवाल भी पूछ रहे हैं, क्या फरमानों से क्रियान्वयन हो जाएगा? हम शारीरिक दूरी रखने का प्रयास करेंगे, लेकिन छात्रों के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. इसलिए छात्र मुद्दों की ये लड़ाई हम अंतिम छोर तक ले जाएंगे, जल्द ही हम गांधी प्रतिमा के सामने बैठकर मौजूदा सरकार के फरमान का पुरजोर विरोध करेंगे। ये उदासीनता भरा रवैया छात्रों के जीवन से जुड़ा है।
समस्त छात्रों और छात्र नेताओं के साथ इसे एक आंदोलन का रूप देंगे इस आंदोलन से पूरे प्रदेश के छात्रों का हित जुड़ा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे