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BALRAMPUR...पुलिस, नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता



अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर के कोतवाली उतरौला क्षेत्र अंतर्गत तहसील मुख्यालय गेट के सामने सादुल्लानगर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति की अचानक सड़क पर मौत हो गई । अधेड़ व्यक्ति घंटो तक सड़क पर पड़ा रहा किसी ने उसे छूने की जहमत नहीं उठाई। बताया जा रहा है कि कोरोना के भय से लोग लाश के करीब भी नहीं जा रहे थे।सूचना कोतवाली उतरौला को दी गई जिसके बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और उसने मानवता की सारी हदें पार करते हुए नगर पालिका की कूड़ा वाली गाड़ी में शव को रखवा कर कोतवाली भिजवाया इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन तथा नगर पालिका प्रशासन के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा हुआ है । मामला मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग के तीन पुलिसकर्मियों सहित नगरपालिका के चार कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा उप जिला अधिकारी को सौंपी गई है।

देश में कोरोना संकट के बीच जहाँ लोग एक दूसरे से बचने और बचाने का काम कर रहे हैं तो वही मानवता को तार तार करने की घटना बलरामपुर जिले में देखने को मिली। जब एक इंसान की लाश जिले के उतरौला तहसील गेट के सामने पड़ा हुआ था और आलम ये था कि कानून के रखवाले पुलिसकर्मियों के निगरानी में लाश को नगर पालिका के कूड़े की गाड़ी में रखवाया जा रहा था । लाश को बाकायदा पुलिस वालों के सामने चार नगर पालिका कर्मी जानवरों की तरह उठा रहे थे और बाद में ले जाकर उतरौला कोतवाली के बाहर सड़क के किनारे लाश को जमीन पर रख दिया। ये दृश्य हतप्रभ करने वाला था । कोरोना महामारी के वक़्त सवाल ये भी उठता है कि लाश संदिग्ध था और उसे बिना पीपीई किट पहने क्यों उठाया गया और एम्बुलेंस से क्यों नही ले जाया गया ।  ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब प्रशासन को देना चाहिए। वहीं इस घटना पर पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि थाना उतरौला में जो तहसील है, उसके गेट पर एक व्यक्ति का शव मिला था, पता चला कि उसका नाम अनवर अली था । मृतक की उम्र 45 वर्ष जो इसी जनपद के  सादुल्लानगर का रहने वाला था । शव के बारे में सूचना पुलिस और नगर पालिका कर्मचारियों को मिली। चूंकि कोरोना की वजह से हर जगह संशय बना हुआ है ।  ऐसे में इन लोगों ने लापरवाही और सवेंदनहीन हरकत की है। मृतक के शव को कूड़ा ढोने वाली गाड़ी से हटाया गया जो की गलत है। उस वक़्त वहाँ पर जो पुलिसकर्मी और नगर पालिका के कर्मचारी थे । अगर वो कोरोना संदिग्ध व्यक्ति था, तो पूरी तरह से पीपीई किट पहनकर उसे हैंडिल करना चाहिए था, जो बहुत बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि हमने और जिलाधिकारी महोदय ने पूरा वीडियो देखने के बाद एसडीएम और सीओ को संयुक्त जाँच दी गई है । इस प्रकरण में  एक उपनिरीक्षक सहित 3 पुलिसकर्मी पुलिसकर्मी  तथा चार नगरपालिका कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। 

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