पवन जयसवाल
मनकापुर गोण्डा। गांव में आज वक्त के साथ रोजगार बदल गया एक दौर था गांव के लोग पंजाब, दिल्ली, मुम्बई, गोवा,पूना, लोधियाना,मकान,बंगला तैयार करते थे। और शहर में कपड़ा बेच रहे थे।लेकिन अब गांव में फावडा चलाकर जमीन खोद रहे हैं। लॉकडाउन में घर लौटे तो उनके सामने रोजगार की समस्या पैदा हो गई| रोजी-रोटी की तलाश में जब कुछ हाथ नहीं लगा तो गांव में ही मनरेगा में जुट गए जिससे उन्हें भटकना न पड़े पटरी पर आ रही मजदूरों की जिंदगी।
विकासखंड मनकापुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत पचपुती जगतापुर में किसान खेतों में व्यस्त दिखे गांव के बाहर प्रवासी श्रमिक खडंजा व मिट्टी पटाई करने के दौरान आपस में चर्चा करते हुए दिखे इसी तरह अन्य प्रवासी भी गांव के विकास में हाथ बटा रहे हैं।गांव में मनरेगा कार्य शुरू हो गया जिससे मजदूरों की जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आने लगी जगदीश ने कहा कि प्रदेश से अच्छा गांव है। जहां सब की फिक्र की जाती राम आशीष, राजेश, प्रमोद,सुरेश ने बताया कि बड़े शहरों में कमरे के अंदर रहकर जी ऊब गया था। गांव में खेती का कार्य व मनरेगा योजना में कार्य कर रहे हैं।श्यामू,हिमांशु,चकदीन,जितेंद्र कुमार, प्रेमनाथ,शिवपूजन,जग प्रसाद प्रदेश में फैक्ट्री में काम कर रहे थे। लेकिन अब गांव में वह चकरोड की पटाई व खडंजा कार्य में जुट गए हैं।
ग्राम पंचायत सचिव विजय कुमार ने कहा कि गांव में सबको काम मिल रहा है।300 प्रवासियों मजदूरों को जॉबकार्ड बनाकर दिया जा रहा है। कोई भी गांव में भूखा नहीं रहेगा।प्रधान प्रतिनिधि राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की बरई पुरवा,देवरहना,आजाद पुरवा में पटाई सार्वजनिक रास्ते पर दवाओं का छिड़काव कराने के साथ प्रवासियों को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए वह प्रयासरत है।
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