■ प्रभा इंडस्ट्रीज के वैभव चतुर्वेदी के ठिकाने से शराब बरामदगी से जुड़ा है मामला
- आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। अपर जिला जज पॉस्को द्वितीय/एव विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट जैनुद्दीन अंसारी ने गैंगेस्टर के चार आरोपीयो की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए। ज्ञात हो कि ख़लीलाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया में दिसंबर माह में स्वाट टीम प्रभारी करुणाकर पांडेय द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध शराब बरामद की गई थी जिसमे आठ लोगो के विरुद्ध नामजद मुकदमा पंजीकृत हुआ था जिसमे अभियुक्तगण जेल गए व बाद में गोदाम के मालिक प्रभा इंडस्ट्रीज के वैभव चतुर्वेदी को भी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजी थी। उक्त प्रकरण में विनोद, लालबाबू, नागेन्द्र यादव, मिथुन धोबी, जुबेर अहमद, देवेंद्र पाल, विकास श्योराण उर्फ विकास चौधरी, हरिशंकर सिंह व वैभव चतुर्वेदी के विरुद्ध अपराध में साक्ष्य पाए जाने पर आरोप पत्र प्रेषित किया गया व वैभव चतुर्वेदी तथा हरिशंकर सिंह को छोड़कर शेष सात लोगो के विरुद्ध गैंगेस्टर की कार्यवाई की गई। न्यायालय विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट जैनुद्दीन की अदालत में विकास श्योराण, विनोद, जुबेर अहमद, देवेंद्र का जमानत प्रार्थना पत्र उनके अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया और बताया गया कि अभियुक्तगन निर्दोष है व जमानत पाने का हकदार हैं।उनके द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि प्रभावशाली लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्यवाई न करते हुए उनके मुवक्किल को बाहरी होने के कारण आरोपित किया गया है।जमानत प्रार्थना पत्र का अभियोजन की तरफ से विशाल श्रीवास्तव ने विरोध किये तथा तर्क दिए की अभियुक्त गैंग बनाकर अवैध तरीके से पैसा कमाने के लिए अपराध करते है तथा शराब का अवैध धंधा करते है व अवैध तरीके से संपत्ति हासिल किए हैं जिससे समाज मे उनके विरुद्ध कोई गवाही नही देना चाहता है व अभियुक्त का समाज मे व जनता में भय व्याप्त है।अभियुक्त जेल से छूटने पर अपराध में लिप्त हो जाएंगे जिससे उनका जमानत निरस्त होने योग्य है। न्यायाधीश जैनुद्दीन अंसारी ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए गैंगेस्टर के आरोपीगण की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए।
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