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गोलीकाण्ड से फिर दहला जिला,अपराधियों पर लगाम कसने में बहराइच पुलिस साबित हो रही नाकाम



शहनवाज खान 
बहराइच। जिले में बेखौफ अपराधी लगातार एक के बाद एक ताबड़तोड़ अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं अपराध को रोकने में जिले की पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। आज एक और गोलीकाण्ड से जिला दहल गया। बताते चलें कि जिस दिन जिले के कप्तान ने जिले की कमान सम्भाली थी उसी दिन दरगाह के ठाकुरबाग में एक मासूम की हत्या हूई थी जिसके बाद पुलिस कप्तान ने घटनास्थल का मौके पर पहुंच कर जायज़ा लिया था। इसके बाद कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिये पुलिस कप्तान ने कई थानाध्यक्षों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किये साथ ही मीडिया सवाल न करे इसीलिये शायद उन्होंने मीडिया से भी किनारा कस लिया है। यही नहीं सोशल मीडिया पर बनाये अपने पीआरओ सेल वाले ग्रुप से भी कई पत्रकारों को हटा दिया और प्रेस नोट के माध्यम से कुछ चुनिन्दा पत्रकारों को घटनाओं, दुर्घटनाओं व सराहनीय कार्यों के बखान वाली प्रेस नोट आदि को सोशल मीडिया पर ही उपलब्ध करा उपब्धियाँ गिना रहे हैं। उधर दूसरी ओर जिले में एक बाद एक ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम दे अपराधी पुलिस कप्तान को सलामी दी रहे हैं जिन पर अंकुश लगा पाने में जिले की पुलिस नाकाम साबित हो रही है। जिले के अगर पिछले करीब डेढ़ माह की बात की जाये तो एक दर्जन से अधिक हत्याओं/शव बरामदगी की वारदातें हो चुकी हैं। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है जिले में पुलिसिया इकबाल कितना बुलन्द है। हाल ही में 12 जुलाई को जिले के थाना खैरीघाट के अलीनगर में खेत की रखवाली कर रहे 50 वर्षीय रामचन्द्र पुत्र लाल बहादुर की हत्या कर दी गयी थी और पुलिस ने मृतक के पुत्र की तहरीर पर अभियोग संख्या 226/20 धारा 302 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी थी। 

अभी यह मामला शान्त ही हुआ था कि जिले के मटेरा थाना क्षेत्र के बिबियापुर में  27/28 जुलाई की दरमियानी रात को शंभू लाल पुत्र रामफल  उम्र करीब 60 वर्ष निवासी बीबियापुर को उनके गांव के ही मालिक शेख उर्फ सलीम पुत्र सूबेदार के द्वारा गोली मार दी गई। घटना के बाद घायलावस्था में शंभूलाल को मेडिकल कॉलेज के इमरजेन्सी वार्ड में भर्ती गया जहां उनकी हालत गम्भीर होने पर चिकित्सकों ने उन्हें लखनऊ हेतु रेफर कर दिया वहीं लखनऊ जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। थाना मटेरा क्षेत्र के बिबियापुर में होए इस गोलीकाण्ड से जिला दहल गया है। यह कोई पहला हत्या का मामला नहीं है बल्कि इसके पहले भी बेखौफ हत्यारों ने हत्याओं को अंजाम देकर पुलिसिया इकबाल को ठेंगा दिखाया है। जिले में अपराध पर कन्ट्रोल कर पाने में पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा बिल्कुल ही नाकाम साबित होते नज़र आ रहे हैं। जिले में हत्याओं की अगर बात की जाये तो लगातार एक बाद एक हो रही हत्याओं से जिले में हड़कम्प सा मचा हुआ है।
                 बीते करीब डेढ़ माह की अगर बात की जाये तो जिले में हूई हत्याओं/शव बरामदगी के आंकड़े चौकाने वाले हैं। जिनमें बीते माह 12 जून को थाना फखरपुर अंतर्गत ग्राम दतौली में सन्दिग्ध परिस्थितियों में महिला की मौत। 12- जून को थाना फखरपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धर्मापुर में महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत। 14- जून को थाना हुजूरपुर के हाटा रेवलिया में 18 वर्षीय पिन्टू उर्फ राजकुमार पुत्र श्यामलाल आम के पेड़ पर लटकता मिला शव। 19- जून को थाना पयागपुर के फरदा सुमेरपुर में 16 वर्षीय जितेन्द्र सिंह पुत्र रंजीत सिंह की सन्दिग्ध परिस्थितियों में मिला था शव। 21- जून की रात्रि थाना रिसिया के ग्राम झुडिया में 22 वर्षीय शब्बो पत्नी अनवर अली की सन्दिग्ध परिस्थियों में फन्दे से लटकता मिला शव। 24- जून की रात्रि सलारगंज निवासी युवक की सीके गार्डन में गला रेतकर हत्या का प्रयास। 25- जून को थाना कोतवाली नगर क्षेत्र अंतर्गत गुदड़ी में विवाहिता की हत्या। 27- जून अचौलिया में 33 वर्षीय क्रांति देवी की उसके पति द्वारा बांके से मार कर की गई हत्या। 26-27- जून की दरमियानी रात्रि को जुगिनिया निवासी इतवारी की विवाहिता पुत्री 21 वर्षीय फूलमती यादव की थाना मोतीपुर क्षेत्र अन्तर्गत नहर के पास मिला शव। 27- जून को रिसिया के विशुनापुर में 16 वर्षिश शंकर रानी देवी पुत्री सुभाष की घर के पास ही यूकेलिप्टिस के बैग में गला रेत कर हत्या। 28- जून रिसिया थाना क्षेत्र के ग्राम रिसिया जमाल दा0 अलिलिया बुलबुल में सोते समय 45 वर्षीय राजेन्द्र भारती पुत्र मुन्शी प्रसाद की गोली मारकर हत्या। 30- जून को थाना रिसिया के विशुनापुर में बालिका की गला रेत कर हत्या। 6- जुलाई को बौंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत पाण्डे पुरवा गांव के एक बाग में 25 वर्षीय संतोष पुत्र मुनेश्वर निवासी शारदा सिंह पुरवा थाना बौंडी मिला शव। 8- जुलाई को रिसिया थाना क्षेत्र के कमलाजोत में सकीर पुत्र असगर की हत्या के बाद बरामद हुआ शव। वहीं रविवार 12- जुलाई को खैरीघाट में हूई 50 वर्षीय रामचन्द्र की हत्या 27- जुलाई को थाना विशेश्वरगंज क्षेत्र के खानपुर मल्लोह में गांव से बाहर मुन्नी देवी उम्र करीब ढाई वर्ष पुत्री राम सिंह सन्दिग्ध परिस्थितियों में मिला शव हालांकि पुलिस की मानें तो मासूम की मौत गले मे अमरूद फंसने से हुई थी फिलहाल मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने अभियोग संख्या 219/20 धारा 302 भादवि के तहत मुकदमा पंजीकृत कर छानबीन शुरू कर दी थी वहीं 27/28 जुलाई की दरमियानी रात को थाना क्षेत्र मटेरा के बिबियापुर में 60 वर्षीय शंभू लाल पुत्र रामफल की गोली मार कर की गयी हत्या भी शामिल है। यह जिले में पिछले करीब डेढ़ माह में हूई हत्या/शव बरामदगी/सन्दिग्ध परिस्थितियों में हूई मौतों के आंकड़ें हैं। जो दर्शाता है कि जिले में पुलिसिया इकबाल नहीं बल्कि अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं जिसके चलते ही अपराधी एक के बाद एक ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। जिले में लागातर हो रही घटनाओं ने पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा के बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था के दावों की पोल खोलकर रख दी है। वहीं जनपद में बढ़ते अपराध से व्यापारी सहमे हुए है।
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