सुनील उपध्याय
बस्ती। बस्ती जिले के परिषदीय परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्रों को दो माह से मानदेय के नाम पर फूटी कौड़ी नसीब नहीं हुआ। जिससे शिक्षा मित्रों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है और अब इनके समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हकीकत यह है कि विभागीय उदासीनता के कारण जनपद के शिक्षा मित्रों को घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। किन्तु कोई भी जिम्मेदार इनकी पीड़ा सुनना मुनासिब नहीं समझ रहा है।
बता दें जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए 10 हजार मानदेय पर शिक्षा मित्र कार्य कर रहे है। जिन्हें महज 11 माह का मानदेय दिया जाता है। जून माह का मानदेय इन्हें नहीं मिलता। वहीं जुलाई व अगस्त माह का मानदेय न मिलने से शिक्षा मित्रों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। विभाग की मानें तो पीएफएमएस फीडिंग के चलते भुगतान नही हो पा रहा है।
शिक्षा मित्र लालता प्रसाद, मगन पाण्डेय, रत्नेश चौधरी, अनंत पाण्डेय, नवल किशोर वर्मा, दिनेश उपाध्याय, राम सूरत चौधरी, ऋषिकांत तिवारी, शिवशंकर साहू, राम प्रकाश वर्मा, बच्चूलाल शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद, राजकुमार यादव, राम शंकर मौर्य, अरशद जमाल शिवयज्ञ, राजेश कुमार, लाल मोहन, अवधेश सिंह आदि का कहना है कि दो माह से मानदेय न मिलने से आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो चुकी है। विभागीय उदासीनता के चलते हम शिक्षा मित्र गहरी निराशा में जी रहे हैं। पिछले दो माह से पीएफएमएस फीडिंग के नाम पर मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ जिलाध्यक्ष मुक्तेश्वर यादव नें बताया कि विभाग द्वारा शिक्षा मित्रों के संबंधी कार्यों में विभाग द्वारा लापरवाही की जा रही है। और नतीजा यह है कि समय से मानदेय तक नहीं मिल पा रहा है। पीएफएमएस फीडिंग को लेकर विभाग द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके कारण दो माह बीत जानें के बाद भी मानदेय नहीं मिल सका। नतीजा यह है कि जिले के शिक्षा मित्र घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
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