पुलिसिया उत्पीड़न के शिकार लोगों से मिले बसपा नेता ने जताया आक्रोश
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। कोतवाली नगर के कब्रगाह घोसियाना कटहामाफी में रविवार को जुआरियों को पकड़ने के मामले के बाद पुलिस के तांडव को लेकर बसपा नेता व समाजसेवी मसूद आलम खान ने आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि जुआरियों को पुलिस पकड़े और विधिक कार्रवाई करे यह ठीक है, लेकिन जिस तरह का तांडव किया गया वह बड़ा सवाल है।
पुलिस की ओर से की गई बर्बर कार्रवाई की सूचना के बाद गांव पहुंचे मसूद आलम खान ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जुआरियों से झड़प के बाद जिस तरह से आम लोगों के घरों में घुस कर तांडव किया, वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। यहां महिलाओं ने उन्हें बताया कि पुलिस ने कोई घर नहीं छोड़ा जहां तोड़फोड़ न की हो।
पुलिस की बर्बरता से एक युवक की आंख में गंभीर चोट आई है जिसे लखनऊ रेफर किया गया है। महिलाओं ने बताया कि दोपहर पुलिस की चार-पांच गाड़ियां आईं और महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों तक को नहीं छोड़ा। घर के दरवाजे, सामान सब तहस-नहस कर दिए।
श्री खान ने सवाल खड़ा किया कि अगर पुलिस से जुआरियों की झड़प हुई थी तो आम लोगों पर यह बर्बरता पूर्ण कार्रवाई क्यों की गई? वे कोतवाली भी गए जहां उन्होंने पकड़ कर लाए गए अन्य लोगों से बातचीत भी की। मसूद खान ने कहा कि इस मामले को मानवाधिकार आयोग को भेजा जायेगा। किसी भी तरह से तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोप है कि पुलिस ने पूरे गांव में बस इसलिए तांडव किया कि जुआरियों से झड़प हो गई थी। श्री खान ने कहा कि जिन भी लोगों ने पुलिस कर्मियों के साथ बदसलूकी की है और जो वास्तव में जुआरी हैं, उन पर कार्रवाई हो, लेकिन इस तरह का तांडव कदापि उचित नहीं है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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