गोंडा: कृषि काला कानून अध्यादेश के खिलाफ भारत बंद के आवाहन पर किसान मजदूर संघर्ष समन्वय समिति गोंडा के तत्वाधान में 8 दिसंबर को उप श्रमआयुक्त कार्यालय देवीपाटन मंडल पर धरना किया गया।धरने की अध्यक्षता कामरेड सरदार मंजीत सिंह व संचालन कामरेड कौशलेंद्र पाण्डेय ने किया।
धरने को कामरेड सत्यनारायण त्रिपाठी, ईश्वरशरण शुक्ला, खगेन्द्र जनवादी,सुरेश कनौजिया आदि ने सम्बोधित किया।इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। दिए गए मांग पत्र में तीनों कृषि काला कानून अध्यादेश वापस लिये जाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाए जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से शामिल किए जाने तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम जिसे रद्द किया गया है पुनः वापस ले जाने, बिजली संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द किए जाने, श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को वापस लिए जाने तथा श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात करने वाले सभी श्रम कानून वापस लिए जाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजी कहां पर तत्काल रोक लगाई जाने तथा सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत किए जाने, ठेका मजदूरों आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों मजदूरों को अस्थाई कर्मियों की बात वेतन व अन्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान किए जाने सहित अन्य मांगे शामिल हैं।हड़ताल में एटक,सीआईटीयू से जुड़े श्रमिक संगठनों, उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन, भारत की जनवादी नौजवान, पूर्वांचल चीनी मिल, उत्तर प्रदेश भवन निर्माण सभा, बिजली कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठन शामिल रहे। हड़ताल में हरिओम श्रीवास्तव, राम गोविंद मिश्रा, आकाश जनवादी, जेहली यादव, विनीत कुमार, आद्या प्रसाद तिवारी, अमेरिका प्रसाद यादव, भगवान दयाल दुबे, बद्री प्रसाद तिवारी,राम प्रकाश शुक्ला, अरुण कुमार, रामदयाल, राज नारायण, रामचंदर, महेश सिंह सहित अन्य लोग शामिल रहे।
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धरने को कामरेड सत्यनारायण त्रिपाठी, ईश्वरशरण शुक्ला, खगेन्द्र जनवादी,सुरेश कनौजिया आदि ने सम्बोधित किया।इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। दिए गए मांग पत्र में तीनों कृषि काला कानून अध्यादेश वापस लिये जाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाए जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से शामिल किए जाने तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम जिसे रद्द किया गया है पुनः वापस ले जाने, बिजली संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द किए जाने, श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को वापस लिए जाने तथा श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात करने वाले सभी श्रम कानून वापस लिए जाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजी कहां पर तत्काल रोक लगाई जाने तथा सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत किए जाने, ठेका मजदूरों आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों मजदूरों को अस्थाई कर्मियों की बात वेतन व अन्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान किए जाने सहित अन्य मांगे शामिल हैं।हड़ताल में एटक,सीआईटीयू से जुड़े श्रमिक संगठनों, उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन, भारत की जनवादी नौजवान, पूर्वांचल चीनी मिल, उत्तर प्रदेश भवन निर्माण सभा, बिजली कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठन शामिल रहे। हड़ताल में हरिओम श्रीवास्तव, राम गोविंद मिश्रा, आकाश जनवादी, जेहली यादव, विनीत कुमार, आद्या प्रसाद तिवारी, अमेरिका प्रसाद यादव, भगवान दयाल दुबे, बद्री प्रसाद तिवारी,राम प्रकाश शुक्ला, अरुण कुमार, रामदयाल, राज नारायण, रामचंदर, महेश सिंह सहित अन्य लोग शामिल रहे।
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