शिक्षित तथा सभ्य समाज का निर्माण तभी होगा, जब बेटियां हर क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के बराबरी का अधिकार प्राप्त कर सके। हर माता पिता को अपनी बेटी को उचित शिक्षा देना चाहिए। तभी बेटियां सफल होकर अपने माता पिता का मान बढ़ाएंगी। बेटा बेटी का फर्क मिटाने के बाद ही सही मायने में नारी सशक्तीकरण की अवधारणा चरितार्थ होगी। आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों से आगे हैं। समाज में आज भी लोग बेटों को अधिक महत्व देते हैं, लेकिन अगर बेटा की तरह बेटियों को भी समान शिक्षा और समान अवसर दिया जाए, तो बेटियां सफलता का परचम लहरा सकती हैं। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ प्रदीप पांडे ने राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन शिविरार्थी छात्र-छात्राओं से बतौर मुख्य अतिथि के रुप में कहीं। कार्यक्रम को गति देते हुए उन्होंने कहा की समाज को अपनी रूढि़वादी सोच बदलनी होगी। इसके लिए बेटियों को उचित अवसर दिलाने का प्रयास करना होगा। शिक्षित तथा सभ्य समाज का निर्माण तभी होगा, जब बेटियां हर क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के बराबरी का अधिकार प्राप्त कर सके। हर माता पिता को अपनी बेटी को उचित शिक्षा देना चाहिए। तभी बेटियां सफल होकर अपने माता पिता का मान बढ़ाएंगी। बेटियां आत्मनिर्भर बनेंगी, तो देहज और बाल विवाह जैसी समस्या खुद व खुद समाप्त हो जाएगी। वही इस कार्यक्रम के पूर्व छात्राओं के बीच रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में माला सिंह व किरण त्रिपाठी द्वारा लवली कसौधन इकाई को प्रथम, प्रतिमा शाह इकाई को द्वितीय तथा सोनिया गुप्ता इकाई को तृतीय स्थान दिया गया। मेहंदी प्रतियोगिता में रानी मौर्या प्रथम प्रीति चौरसिया द्वितीय तथा सैदुनिशा तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर अंशिका मिश्रा, मुस्कान कसौधन, सोनिया गुप्ता, डॉ श्रवण शुक्ला, डॉ स्मिता पांडे, स्कंद शुक्ला सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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