हर भक्त जनों की आंख रही नम
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। मेंहदावल विकास खंड के ग्राम पंचायत जब्बार में श्री श्री अन्नपूर्णा महायज्ञ में भागवत कथा के बाद शाम को रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है। जिसमे कलाकारों द्वारा अपने अद्भुत मंचन से भक्त जनों को भाव बृह्वाल का दिया है।
इसी कड़ी में रामलीला के दौरान मंगलवार की रात कलाकारों ने भगवान राम की गुरुकुल में शिक्षा दीक्षा, कैकयी का वचन, राम वनवास एवं सीता हरण का मनोरम मंचन किया गया। कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति देखकर दर्शक भावुक हो उठे।
कलाकारों ने दिखाया कि किस तरह से भगवान राम व उनके भाईयो ने गुरुकुल में शिक्षा दीक्षा आदि पर मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। इसके राज्याभिषेक के घोषणा व राम विवाह के बाद रानी कैकेयी की दासी मंथरा उनके मन में राम के प्रति कुंठा भरती है। राजकाज भरत को दिलवाने व राम को वनवास भेजने की सलाह देती है। मंथरा की बातों में आकर कैकेयी राजा दशरथ से भरत को राज सिंहासन और राम को वनवास भेजने का वचन मांगती है। राजा दशरथ को कैकेयी के बातों से बहुत कष्ट होता है। वह कैकेयी को समझाने का काफी प्रयास करते हैं। लेकिन कैकेयी अपनी जिद पर अड़ी रहती है। अंत में राजा दशरथ रघुकुल की मर्यादा का पालन करते हुए कैकेयी को दिए वचन पूरा करते हैं। भगवान राम को 14 वर्ष वनवास जाने को कहते हैं। आज्ञा मानकर श्री राम वन जाने को तैयार हो जाते हैं तो पत्नी सीता भी उनके साथ चल देती हैं। अनुज लक्ष्मण भी साथ हो लेते हैं। राम वनवास के समाचार पर पूरी अयोध्या नगरी शोक में डूब जाती है। अयोध्या वासी भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को सरयू नदी के तट तक पहुंचाने जाते हैं। यहां से भगवान राम वनवास के लिए प्रस्थान करते हैं। राम वनवास का मंचन देख दर्शकों की आंखें नम हो गई। इसके बाद वन गमन पश्चात भी भगवान राम के साथ ही माता सीता, अनुज लक्ष्मण किस तरह से परेशानी का सामना करते है। जंगल मे भी अनेको राक्षसों का वध कर ऋषि मुनियों की रक्षा किया गया। इसी दौरान माता सीता को रावण हरण के दृश्य ने भक्तों को भाव बृह्वाल कर देता है। इस तरह से मंगलवार को रामलीला के कलाकारों द्वारा मार्मिक दृश्यों का मंचन किया गया। इस रामलीला के अवसर पर प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह, दिनेश कुमार सिंह, शिवप्रकाश सिंह, सूर्यप्रकाश, संतोष, नित्यानन्द यादव, करुणायन त्रिपाठी, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।
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