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Sant kabir nagar हर्षोल्लास से मनाया गया होली का त्योहार



मेंहदावल में हुआ मूर्खाधिराज महोत्सव
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। इस बार कोरोना ने भले ही होली के रंग को फीका कर दिया था फिर भी आम जनता ने होली के पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया। रंगों का पर्व होली फाग के राग और रंग-गुलाल के साथ शांतिपूर्वक संपन्न हो गयी बुधवार से लेकर सोमवार तक गांव से शहर तक पर्व की मस्ती का रंग छाया रहा उड़ते अनेक रंगों के बीच होली एकता के रंग में सभी को रंग गयी होंली मस्ती और जश्न के बीच लोगों ने पर्व को मनाया आप कों बतातें की सोमवार की सुबह से ही होली का रंग लोगों पर चढ़ गया और शाम होते होते पूरा माहौल रंगों से सराबोर हो गया बच्चे तो सुबह से ही रंग-गुलाल और पिचकारियां लेकर जहां गलियों में निकल गये, वहीं बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे बच्चों ने एक दूसरे को रंग से सराबोर किया, तो बुजुर्ग ने भी अबीर गुलाल लगा कर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी तथा गले मिल कर गिले-शिकवे दूर किये सड़कों पर कहीं होली गीत, तो कहीं डीजे पर बजते होली गीत पर युवा थिरकते रहे. लोगों ने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के साथ होली मनायी. महिला हो या पुरुष, युवा हों या बुजुर्ग, सुबह से शाम तक एक दूसरे पर गुलाल डालते और रंग फेंकते नजर आये होली खेले रघुवीरा अवध में... होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा, जोगीरा सारा रा रा जैसे पारंपरिक गीत से सोमवार सराबोर रहा। टीवी के प्रोग्राम हों या डीजे की धुन, गांव से गुजरते बुजुर्ग या युवाओं की टोली हो चाहे महिलाएं, हर तरफ होली के पारंपरिक गीत गूंजते रहे आधुनिकता की दौर में भले ही फाग के राग अलापनेवालों की संख्या कम हुई है, लेकिन हमारी संस्कृति का विलोप नहीं हुआ है ।इस होली में भी ढोलक की थाप और झाल-मंजीरा की धुन पर पारंपरिक होली गीत गूंजते रहे। भर फागुन बुढ़उ देवर लागस... भर फागुन में बुढ़उ देवर लागस, परंपराओं से चले आ रहे इस होली गीत का क्रेज आज भी बरकरार है. विभिन्न गांवों में बजते इस होली गीत ने न सिर्फ उम्र के फासले को मिटाते हुए समरसता का संदेश दिया बल्कि उम्र की सीमा समाप्त हो गयी थी. बूढ़े हों या जवान, सबकुछ भुला कर एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते दिखे फाग का रंग युवाओं के सिर चढ़ कर बोल रहा था. डीजे की धुन पर बजते होली गीतों पर युवाओं की टोली थिरकती रही। शहर हो या गांव, हर जगह इस बार डीजे की युवाओं ने विशेष व्यवस्था की थी. ग्रामीण क्षेत्रों में ठेले पर लदा डीजे साउंड और पीछे-पीछे युवाओं की थिरकती टोली ने गांव की गलियों से लेकर सड़कों तक सिर्फ पर्व के जश्न और अपनी मस्ती का इजहार किया बल्कि एकता का संदेश भी दिया।हाइटेक जमाने का होली भी हाइटेक रहा। इस साथ ही साथ लोंगों नें व्हाट्सएप और फेसबुक भी होली पर्व के अवसर पर पूरी तरह फाग के रंग में रहा धूल खेल हो या रंग लगाने की बारी, गुलाल उड़ रहे हो या डीजे पर युवाओं की थिरकन, पल-पल की मस्ती के रंग का सचित्र संदेश व्हाट्सएप और फेसबुक पर वायरल होता रहा।

*मेंहदावल ब्यूरो के अनुसार* मेंहदावल तहसील के अंतर्गत सांथा ब्लॉक, बेलहरकलां ब्लॉक एवं मेंहदावल ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायतों में पूरे हर्षोल्लास के साथ ही सभी ग्रामीणो ने जमकर रंग गुलाल लगाकर होली जैसे महापर्व को मनाया। ग्रामीणांचल के साथ ही मेंहदावल नगर के सभी जगहों मे सोमवार को रंग गुलाल से सभी चेहरे ओतप्रोत रहे। हर चेहरा लाल, हरे, पीले रंगो से दिखाई दे रहा था। इस होली में क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या महिला आदि सभी वर्गों में अपना अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा था। जगह जगह पर डीजे व साउंड के धुन पर लोगो के पैर थिरक रहे थे। पुराने तरीको जैसे फाग गीत अब कम ही सुनाई पड़ते है। फिर भी कुछ जगहों में अभी भी ग्रामीण गायकों द्वारा फाग गीत गाकर लोगो का मनोरंजन कर रहे थे। होली के पर्व को हिन्दू धर्म का पवित्र त्योहार होने के कारण हर घर मे तरह तरह के व्यंजनों को घर के महिलाओं द्वारा बनाया जाता है। जिसका घर के साथ ही मेहमान भी जमकर लुत्फ लेते है। होली की शाम में हर परिवार के लोग एक दूसरे के घर जाकर गले मिलकर बधाई देते है। इस अवसर पर लोग अपने छोटे मोटे गिले शिकवों को भुलाकर आपसी बैर को समाप्त कर देते है। इसकारण होली को प्रेम के त्योहार पर जाना जाता है। होलिका जलने के बाद ही होली को सभी हिन्दू परिवार एक दूसरे को रंग गुलाल से सराबोर कर देते है। इसके साथ ही मेंहदावल नगर पंचायत में मूर्खाधिराज सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है। जिसमे नगर के गणमान्य को हास्य व्यंग्य, गीत संगीत का आयोजन किया जाता है। जिसके माध्यम से आम जनता को मनोरंजन होली के दिन मिलता है।

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