संचारी रोग के साथ अन्य दायित्वों का भी कर रहीं निर्वहन
फ्रंटलाइन वर्कर रोज 10 घरों में जाकर फैलाएंगी जागरुकता
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। संचारी रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के दूसरे चरण के अभियान दस्तक की शुरुआत बुधवार को जनपद में शुरु हो गई। घर - घर दस्तक देने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की टोलियां निकल गई हैं। इस दौरान वे संचारी रोगों के साथ ही साथ क्षय रोग, आयुष्मान कार्ड, जन्म मृत्यु पंजीकरण, कुपोषित बच्चों तथा जेई व इंसेफेलाइटिस से विकलांग बच्चों के बारे में भी जानकारी ले रही हैं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मोहन झा ने बताया कि घर - घर दस्तक देकर बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान का शुभारंभ हो गया है। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टोलियां अपने क्षेत्रों में परिवारों में दस्तक देने के लिए निकल गई हैं। वे यह बता रही है कि बुखार में देरी भारी पड़ सकती है। साथ ही जिन घरों में 15 वर्ष की आयु से कम के बच्चे हैं उनके यहां स्टीकर व पोस्टर भी लगा रही हैं। पोस्टर पर लिखी गई जानकारियों को परिवार के मुखिया को पढ़कर सुना रही हैं तथा उनको जागरुक कर रही हैं। इनके पर्यवेक्षण के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ ब्लाक स्तरीय अधिकारियों की टीम भी लगाई गई है।
फ्रंट लाइन वर्कर्स करेंगे यह कार्य
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि इस बार के अभियान में फ्रंटलाइन वर्कर्स की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उन्हें संचारी रोगों के प्रति जागरुक करने के साथ ही कोविड व क्षय रोग के प्रति लोगों को जागरुक करना होगा।
संचारी रोग के प्रति जागरुकता - फ्रंटलाइन वर्कस घरों में जाएंगी तथा मच्छरजनित परिस्थितियों को देखेंगी तथा बुखार के रोगी के बारे में पता करने के साथ ही शुद्ध पेयजल के क्लोरीनेशन और हाथ धोने व शौचालय के प्रयोग के बारे में जागरुक करेंगी।
टीबी रोगियों की खोज - फ्रंटलाइन वर्कस पूछेंगे कि क्या परिवार के किसी सदस्य को 15 दिन से अधिक खांसी, सांस फूलने, खांसी के साथ खून आने, वजन का घटने, बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का ,रात में बेवजह पसीना आने व भूख कम लगने की समस्या तो नहीं है। अगर समस्या होगी तो इसकी लाइन लिस्टिंग करके सूचना स्वास्थ्य केन्द्र को देंगे।
जन्म मृत्यु पंजीकरण - फ्रंट लाइन वर्कर्स यह जानकारी लेंगे कि कोरोना काल के दौरान किसी व्यक्ति का जन्म या मृत्यु तो नहीं हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो वह सम्बन्धित ब्लाक इकाई को अवगत कराएंगी तथा परिवार के मुखिया को जन्म मृत्यु पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करेंगे।
कुपोषित की पहचान - परिवार में रहने वाले किसी बच्चे में कुपोषण की स्थितियों की जानकारी लेंगे साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों में कुपोषण की स्थिति पाए जाने पर विभाग को अवगत कराएगी तथा अति कुपोषित बच्चों को पोषण व पुनर्वास केन्द्र ले जाने को प्रेरित करेंगी।
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