रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। ब्लड डोनेट करने के बाद शरीर मे आने वाली स्फूर्ति से मानव शरीर के अंदर के सभी विकार खत्म हो जाते हैं और नया खून बनने के बाद शरीर में आक्सीजन की भी तेजी से बढोत्तरी होती है। आज लोगों में आक्सीजन के लिए मारामारी है। कल को यदि ब्लड की आवश्यकता हो तो क्या होगा। इसलिए पहले ब्लड डोनेट करके फिर कोरोना का वैक्सीन लगवाएं। ब्लड डोनर ग्रुप का संचालन कर रहे मोनू चौरसिया का कहना है कि इस समय पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों को कहीं ऑक्सीजन तो कहीं बेड की किल्लत है। फिर भी बहुत गरीमत है कि इन सभी की फैक्ट्री है। ऑक्सीजन खरीदा जा सकता है फैक्ट्री में बनाया जा सकता है। उसके बावजूद लोग मर रहे है। सोंचने वाली बात है यदि इस महामारी में खून की मांग होती तो जैसे ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा है। ऐसी महामारी ब्लड को लेके आती है तब क्या होगा। लोग सोच भी नही सकते। ऐसे में न कोई सरकार किसी को नही बचा पाएगी। खून बनाने की फैक्ट्री नही है जिससे लोगों को खून दिलाया जा सके। इस लिए सभी युवा स्वस्थ लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक होना चाहिए और हर तीन महीने में रक्तदान करते रहना चाहिए। जिससे रक्त की कमी से भारत जैसे विशाल देश को भविष्य में न जूझना पड़े।
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