आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। रुपये, पैसे, मांस, मदिरा आदि का प्रभाव चुनाव में नही चलने दिया जाएगा। लेकिन कभी भी शासन के दावे इसे रोकने में कामयाब नही हो सका है। जिला पंचायत सदस्य तथा ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के हो रहे चुनाव में लड़ रहे प्रत्याशियों में धनबल और बाहुबल के साथ ही मांस और मदिरा के खेल ने जमकर प्रभावित कर रहा हैं। न केवल गांव में भोज भात चल रहा हैं बल्कि मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए भावी प्रत्याशियों द्वारा हर हथकंडा अपनाया जाने लगा हैं। गांव में खा पीकर जयकारा करने वाले कि चांदी हो गई हैं। वोट के ठेकेदार ने क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान तथा जिलापंचायत सदस्य के प्रत्याशियों से वोट के नाम पर वसूली शुरू कर दी हैं। गर्मी का तापमान बढ़ने के साथ दिन में चुनावी तापमान ठंडा रहा हैं। इस बार तीनों चुनाव एक साथ होने से चुनावी खर्चा भी कम होगा। चुनाव में मतदातओं को रिझाने के लिए प्रत्याशियों द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही हैं। प्रबुद्ध वर्ग के मतदाता गांव को विकास के नजरिए देखते हुए योग्य उम्मीदवार पर नजर गड़ाए हुए हैं। अधिकांश प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए अभी से सारे हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। वही स्थानीय प्रशासन भी अचार सहिंता का उल्लंघन करने वालों पर नजर बनाए हुआ हैं।
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