मामला गोण्डा जनपद के मनकापुर सीएचसी से जुड़ा है। यहां वर्षो से जहां कई विशेषज्ञों का पद रिक्त है। वही एक्सरे की मिल रही सुबिधा भी कर्ज के बलिवेदी पर चढ़ गई है।
बताते चले मनकापुर में दशकों से स्त्रीरोग विशेषज्ञ, एवं बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, सर्जन का पद रिक्त है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं की जिंदगी भगवान भरोसे होती है। सीएचसी आने वाली महिलाओं का प्रसव स्टाफ नर्स द्वारा कराया जाता है।
ऐसी गर्भवती महिलाएं जिन्हें नार्मल डिलेवरी नही हो सकती है, उन्हें आनन-फानन में निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है। जहां पीड़िता का जमकर आर्थिक शोषण होता है।
वही बाल विशेषज्ञ की बात करें तो लगभग एक दशक पूर्व स्थान्तरित हुए डॉ डीके•शर्मा के बाद से आज तक बालरोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है।
यही हाल फिजिशियन और सर्जन का पद दशकों से रिक्त पड़ा है। डॉ दिग्विजय नाथ के स्थान्तरण के बाद से प्रशासन मनकापुर सीएचसी को आज तक एक अदद सर्जन मुहैया नही करा पाया। सरकार की महती योजना नसबन्दी के दौरान जिलामुख्यालय से उधारी के चिकित्सकों से काम चलाया जाता है।
रही सही कसर अब एक्सरे ने भी पूरी कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंधित कृष्णा डायग्नोस्टिक प्रा लि ने केडीपीएल/ रेडियो/पीपीपी/टेली/यूपी/2020-2 क्रमांक में एक सूचना जारी करते हुए कहा है कि वह अपनी सेवाओं को तबतक निलंबित रखेगा जबतक उसके बकाये धन का समाधान नही हो जाता है। जिससे सीएचसी पर एक्सरे सेवा अस्थायी रूप से बाधित है।
वही इस बावत डिप्टी सीएमओ डॉ ए के राय ने बताओ कि सरकार द्वारा उपलब्ध संसाधनों एवं चिकित्सकों का मरीजों को लाभ मिल रहा है।
हाल ही में विभिन्न समाचार संस्थानों से प्रकाशित खबर को संज्ञान लेकर प्रसूता से सम्पर्क किया गया उसने बताया कि फर्श ठंडी होने के कारण अच्छा महसूस हुआ तो फर्श पर ही लेट गयी। किसी भी स्वस्थ कर्मी द्वारा हमे फर्श पर लेटने या बैठने के लिए बाध्य नही किया गया।
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