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झाँसी:मण्डल के राज्य संरक्षित स्मारकों की निगरानी करेंगी स्थानीय समितियां

 

गिरवर सिंह 

झांसी:बुन्देलखण्ड ऐतिहासिक स्मारकों की दृष्टि से बहुत ही धनी क्षेत्र हैं यदि आप बुन्देलखण्ड के झांसी मण्डल के दूर-दराज क्षेत्र की भी यात्रा करेंगे तो आपको ऐतिहासिक  इमारतों के अवशेष एवं ढांचे बहुतायत में देखने को मिलेंगे, परन्तु इतिहास की तमाम घटनाओं के साक्षी यह स्मारक गुमनामी के अंधेरे में पड़े हुए हैं। इनका पुरसाहाल कोई नहीं है। मण्डलायुक्त डॉ अजय शंकर पाण्डेय ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त ऐसे स्मारकों को भी संरक्षित करने की ओर न केवल ध्यान दिया, बल्कि प्रारम्भिक कार्य योजना के साथ कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। 

मण्डलायुक्त डॉ अजय शंकर पाण्डेय ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ विभाग की ओर से उन्हें पूरे झांसी मण्डल में फैले एवं बिखरे स्मारकों को तीन श्रेणियों में विभाजित करते हुए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये हैं। श्रेणी ‘ए‘ (जिन्हें राज्य सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया गया है और राज्य पुरातत्व विभाग की अभिरक्षा में ले लिया गया है)। श्रेणी ‘बी‘ (जिन्हे पुरातत्व की राज्य परामर्श दात्री समिति द्वारा संरक्षित घोषित करने की संस्तुति कर दी गयी है, परन्तु नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है) एवं श्रेणी ‘सी‘ (ऐसे स्मारक जिन्हें खोजकर सूचीबद्ध किया गया है, परन्तु अभी संरक्षित श्रेणी में घोषित करने की कार्यवाही प्रारम्भ नहीं हुई है)। आज रिपोर्ट मण्डलायुक्त को प्रस्तुत की गयी जिसमें तीन श्रेणियों की सूची जनपदवार निम्नवत् प्रस्तुत की गयी:- 

जनपद झांसी:- श्रेणी ‘ए‘ (संरक्षित स्मारक: 1-बरूआसागर किला, 2-लक्ष्मी मंदिर झांसी नगर, 3-हाथीखाना एवं रघुनाथ राव का महल, 4-ठकुरपुरा की गढ़ी)

श्रेणी ‘बी‘:- (1-पठामढ़ी मन्दिर, ठर्रो (बामौर) 2- प्राचीन मन्दिर, रोरा, 3-कुश मढ़िया, बाँध, 4-चम्पतराय महल, कचनेव, 5-बौना चोर का किला, बौंडा, 6-बंजारों का मन्दिर, स्यावरी, 7-टहरौली का किला, टहरौली, 8-दिगारा की गढ़ी, दिगारा, 9-महाकालेश्वर मन्दिर, मड़िया मुहल्ला, झॉंसी नगर)

श्रेणी ‘सी‘  1-राम-जानकी मन्दिर रामपुरा  2-डिमरौनी की गढ़ियॉं  3-दौन का प्राचीन मन्दिर 4-खैलार की बावली 5-चन्देली मन्दिर  6-केदारेश्वर मन्दिर 7-शिव मन्दिर 8-विष्णु प्रतिमा 9-गुसाईंयों का किला, मोंठ।

मण्डलायुक्त  अजय शंकर पाण्डेय ने इन सभी स्मारकों की स्थानीय स्तर पर देखभाल करने का आदेश जारी किया गया है। मण्डलायुक्त ने जिला स्तर पर जिलाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। तहसील स्तर पर इन स्मारकों की सुरक्षा एवं देखभाल की जायेगी, जिस हेतु निम्नवत् समितियां गठित की जाती हैं:-


तहसील स्तरीय समिति

1- सम्बन्धित उप जिलाधिकारी अध्यक्ष

2- सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी         सदस्य

3- सम्बंधित तहसीलदार सदस्य

4- सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी सदस्य


ग्रामीण स्तरीय समिति

1- सम्बन्धित ग्राम प्रधान अध्यक्ष

2- सम्बन्धित पंचायत सचिव सदस्य

3- सम्बन्धित थानाध्यक्ष सदस्य

4- सम्बन्धित लेखपाल सदस्य

5- सम्बन्धित चौकीदार सदस्य



नगर निगम झांसी क्षेत्र में स्थित स्मारकों की देखभाल हेतु मण्डलायुक्त द्वारा नगर आयुक्त, नगर निगम झांसी की अध्यक्षता में निम्न समिति गठित की गयी, जो कि पाक्षिक रिपोर्ट मण्डलायुक्त को प्रस्तुत करेगी:-


1- नगर आयुक्त, नगर निगम, झांसी अध्यक्ष

2- सचिव, झांसी विकास प्राधिकरण, झांसी सदस्य

3- पुलिस अधीक्षक, नगर झांसी सदस्य

4- स्मारक जिस क्षेत्र में स्थित है उस क्षेत्र के पार्षद सदस्य


उक्त समितियों का पर्यवेक्षणीय नियंत्रण जिलाधिकारी का होगा तथा जबकि नगरीय समिति का पर्यवेक्षणीय नियंत्रण नगर आयुक्त, नगर निगम में निहित होगा। 

अतएव जिलाधिकारी व नगर आयुक्त अपने-अपने अधीन समितियों को निम्नानुसार कार्य किये जाने हेतु निर्दिष्ट करेंगे:-

(1) समिति अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित स्मारकों की निगरानी रखेंगे और उन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण एवं क्षति न होना सुनिश्चित करेंगे। अन्य किसी प्रकार की जानकारी अथवा सुझाव हेतु समिति राज्य पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई कार्यालय, राजकीय संग्रहालय परिसर , किला रोड, झॉंसी से सम्पर्क करेंगे। 

(2) प्रत्येक स्मारक पर एक विजिटर रजिस्टर रखा जायेगा, जिसमें वहॉं आने वाले आगन्तुकों/पर्यटकों का विवरण दर्ज होगा। 

(3) समिति सम्बन्धित स्मारकों के वर्तमान समय का फोटोग्राफ लेकर अपने संग्रह में रखेगी, जिससे तदुपरान्त किसी भी प्रकार की क्षति आदि का आकलन किया जा सके।

मण्डलायुक्त द्वारा मण्डल स्तर पर डॉ0 एस0 के0 दुबे, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, राज्य पुरातत्व विभाग, झांसी मण्डल, झांसी  को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जो प्रत्येक पक्ष में मण्डल की सूचना संकलित कर रिपोर्ट मण्डलायुक्त को प्रस्तुत करेंगे। मण्डलायुक्त ने यह भी निर्देश दिये कि इन स्मारकों की देखभाल के लिए विभाग सरकारी विभिन्न योजनाओं से धनराशि का प्रबंध करके उनके संरक्षण का कार्य किया जाय।



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