रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा नदी के बाद अब सरयू नदी ने आंखें तरेरी हैं। सरयू में आई बाढ़ के पानी ने करीब 4 दर्जन गांवों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल लगे खेत जलमग्न हो गए हैं। सरयू नदी के पानी ने आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है और कहर ढाना शुरू कर दिया है। ग्राम नरायनपुर मांझा के 11 मजरे, कचनापुर, मुंडेरवा, लालेमऊ, बसेहिया, मलौना, हीरापुर कमियार, कुर्था का कुछ हिस्सा बाढ़ के पानी से प्रभावित है। ग्राम नरायनपुर के 11 व बसेरिया के चार मजरे पूरी तरह पानी से घिरे हैं। यहां चारो तरफ जल भराव होने की वजह से फसलें पूरी तरह बरबाद होती जा रही हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व से पानी भरा होने की वजह से ग्रामीणों के समाने आवागमन की विषम समस्या उतपन्न हो गई है। ग्राम बसेरिया के मजरा खाले पुरवा निवासी राजाराम, किशुन, संगम पुरवा निवासी देवी प्रसाद तिवारी, भगवान प्रसाद तिवारी, टेपरा निवासी बसंत, विजयपाल, कलहंसन पुरवा निवासी धर्मपाल सिंह व भोले सिंह ने बताया कि करीब कि गांव के चारो तरफ बाढ़ का पानी भरा है। फसल बरबाद हो चुकी हैं, गांव से निकलकर सारे कपड़े उतारने के बाद पानी के रास्ते धनावा मार्ग तक जाया जाता है। जिससे दिनों दिन दुश्वारियां बढ़ती जा रही है। ग्राम नारायनपुर माझा में 5 नावें व अन्य गांवों में आवश्यकता के मुताबिक नावें लगाई गई हैं। बाढ़ से प्रभावित गांवों में बाढ़ चौकियां बनाई गईं है। तहसीलदार राजीव मोहन सक्सेना ने बताया कि राजस्व कर्मियों से जांच कराई जा रही है। जहां भी आवागमन की समस्या उतपन्न हो रही है वहां नाव लगाया जायेगा। ग्रामीणों को किसी तरह की समस्या नही होने दी जायेगी।
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