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गोण्डा:अब खाद्यान्न गोदामों पर तैनात रहेगी तीसरी आंख, कोटेदारों को घटतौली से मिलेगी निजात

गोदामों से कोटेदारों को बिना तौल राशन दिए जाने की शिकायत को डीएम ने लिया संज्ञान

गोंडा :कोटेदारों को गोदामों से कम खाद्यान्न दिए जाने पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए डीएम ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए गोदाम पर नाइट विजन कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं । अब ऑफिस में बैठकर संबंधित विभाग के अधिकारी सहित जिलाधिकारी स्वयं इसकी मॉनिटरिंग करेंगे ।


बताते चलें कि प्रशासन के लाखों प्रयास के बावजूद भी कार्ड धारकों को कोटेदार बिना कटौती के खाद्यान्न नहीं दे रहे थे । उनका तर्क था कि उन्हें गोदाम से 50 किलोग्राम के बजाए 45 से 48 किलोग्राम खाद्यान्न की बोरियां मिलती हैं । इसका सीधा मतलब था कि 2 किलो से 5 किलो तक कोटेदारों को गोदाम से खाद्यान्न कम दिया जाता था । कोटेदारों द्वारा कम खाद्यान्न कार्ड धारकों को दिए जाने की शिकायत का अंबार लग गया था । जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने बताया कि उचित दर विक्रेताओं द्वारा राशनकार्ड धारकों को बिना तौल किए निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न देने तथा खाद्यान्न में घटतौली करने के प्रकरण संज्ञान में आने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ।  साथ ही गोदामों से कोटेदारों को कम खाद्यान्न दिए जाने पर कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित होगी। 


उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिली है कि विकास खण्ड मुख्यालय  स्थित गोदामों से कोटेदारों को बिना तौल किए अनुमान के आधार पर खाद्यान्न दिया जाता है। जबकि गोदामों से दुकानदारों को तौल के बाद पूरी मात्रा में खाद्यान्न दिए जाने के शासन के स्पष्ट निर्देश हैं । परन्तु इसका सही से अनुपालन नहीं हो पा रहा था । इस पर प्रभावी तौर पर अंकुश लगाने, परिणामतः पात्र लाभार्थियों को शासन की मंशा के अनुरूप खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह आदेश दिए गए  है कि खाद्य विपणन विभाग के गोदामों से उचित दर विक्रेताओं को तौल के बाद ही खाद्यान्न निर्गत किया जाएगा । ताकि उनके द्वारा उपभोक्ताओं को खाद्यान्न तौलकर पूरी मात्रा में दिया जाए।

इस व्यवस्था की प्रभावी मानीटरिंग सुनिश्चित किए जाने के लिए प्रत्येक खाद्यान्न गोदाम पर फोटो व आडियो रिकार्डिंग सुविधायुक्त सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाकर इन्हें चौबीस घंटे क्रियाशील स्थिति में रखा जाए। इन कैमरों की आनलाइन कनेक्टिविटी की व्यवस्था कराते हुए तहसील के आपूर्ति अनुभाग, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी को देते हुए ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर से समन्वयन कर डीएम के कार्यालय को भी लिंक उपलब्ध कराया जाए, ताकि आवश्यकतानुसार सी.सी.टी.वी. फुटेज देखा जा सके।

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