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गोण्डा में राशन कार्डधारकों से होगी 9 करोड़ की वसूली

593 कार्डधारकों ने क्रय केंद्रों पर बेचा 3 लाख रूपये का गेहूं व धान

ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। सरकार की ओर से बांटे जा रहे मुफ्त राशन लेने वाले तमाम कार्डधारकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, सरकारी कोटे की दुकानों पर अनाज लेने वाले 593 राशन कार्डधारकों ने सरकार को ही 9 करोड़ रूपये से ज्यादा का अनाज बेचा है। प्रत्येक राशन कार्डधारक ने कम से कम तीन लाख रूपये से ज्यादा का गेहूं व धान सरकारी क्रय केंद्रों पर जाकर बेचा है। यह मामला सामने आने से अब कार्रवाई शुरू हुई है, जिससे जिले में खलबली मच गयी है।

    राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत मुफ्त का राशन वितरण किया जा रहा है। जांच में यह सामने आया कि 593 राशनकार्ड धारक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पास कृषि भूमि दर्शाते हुए रबी और खरीफ में तीन लाख रुपये से ज्यादा का गेहूं व धान क्रय केंद्रों पर बेचा है। नियमों के तहत जिस परिवार की आय शहरी क्षेत्र में तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख रुपये से ज्यादा है, उसका राशनकार्ड नहीं बन सकता है।

ग्रामीण क्षेत्र में निर्धारित आय से एक लाख से ज्यादा का अनाज बेचने वाले मुफ्त अनाज के लिए अपात्र हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा रही है। कई लोगों ने अपनी आय छुपाकर राशन कार्ड तो बनवा लिया, लेकिन अनाज बेचने के बाद आय का भी खुलासा हो गया है। ऐसे में इनके राशन कार्ड भी रद्द किए जा सकते हैं। बताया जाता है कि सरकारी केंद्रों पर अनाज बेचने वालों की सूची शासन ने जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया था, जिसके बाद आपूर्ति विभाग ने नोटिस जारी किया है। शासन स्तर से गड़बड़ी आधार कार्डों के जरिये पकड़ी गई है। 

सॉफ्टवेयर से सभी राशन कार्डों पर दर्ज आधार नंबर से उन किसानों का मिलान किया गया। जांच में ऐसे 593 आधार नंबर मिले जिनके राशनकार्ड बने हैं और उन्होंने तीन लाख रुपये से ज्यादा का अनाज बेचा है। ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें दस लाख रुपये तक का अनाज बेचा गया है। अब इन लोगों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। पता किया जा रहा है कि मुफ्त का अनाज तो नहीं बेच दिया है।


जांच की जद में अपात्र

सरकारी क्रय केंद्रों पर अनाज बेचे जाने का मामला पकड़ में आने के बाद अब जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। राशन कार्ड बनाने में आय के साथ ही यह भी देखा जाना था कि किसके पास वाहन कौन सा है। ऐसे में अब परिवहन विभाग से वाहन मालिकों की जांच होगी। सूची से मिलान किया जाएगा कि ऐसे लोगों के राशन कार्ड तो नहीं बने हैं जिनके पास चार पहिया वाहन है। दो पहिया वाहनों के बारे में भी पता किया जा सकता है। इससे कई औरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राशन कार्ड बनाने में बड़े स्तर पर खेल पहले भी सामने आ चुका है।

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