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बेहद कारगर और स्थाई तरीका है महिला नसबन्दी:डॉ सुवर्णा

 


दो दिनों के नियत सेवा दिवस में सोलह महिलाओं ने करायी नसबंदी

बी पी त्रिपाठी

गोंडा 27 अक्टूबर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से गत सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तरबगंज में नियत सेवा दिवस के तहत महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के प्रयास और क्षेत्र की आशा व आशा संगिनी कार्यकर्ताओं के सहयोग से जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ सुवर्णा श्रीवास्तव द्वारा छः महिलाओं को नसबंदी की सेवा प्रदान की गयी। वहीं मंगलवार को मुजेहना सीएचसी में आयोजित नियत सेवा दिवस में जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ दीपमाला द्वारा दस महिलाओं की नसबंदी की गयी। 


सीएचसी तरबगंज में आयोजित शिविर के दौरान डॉ सुवर्णा ने बताया कि महिलायें जब आगे और बच्चें नहीं चाहती हैं, तो उनके लिये कारगर और स्थाई है महिला नसबन्दी। उन्होंने कहा कि किसान जैसे किसी क्यारी में और पानी नहीं जाने देने के लिये पानी के धारे को मिट्टी की मेंढ़ी बनाकर बंद कर देता है, ठीक उसी तरह महिला नसबंदी में महिला की दोनों तरफ की अण्डा ले जानी वाली डिम्बवाहिनी (फेलापियन ट्यूब) नली को थोडा काटकर या छल्ला लगा कर डिम्ब (स्त्री अण्डा) का रास्ता रोक देते हैं, जिससे महिला फिर कभी गर्भवती नहीं होती है। 


वहीं डॉ दीपमाला ने समुदाय में नसबंदी के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर कर परिवार नियोजन सेवाओं को अपनाने हेतु लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि नसबंदी के बाद महिला की कामेच्छा पर कोई असर नहीं पड़ता। नसबंदी के समय दर्द नहीं होता है और यदि थोड़ा बहुत होता भी है, तो सुन्न का इंजेक्शन व अन्य दवाएं दी जाती हैं। 



नसबंदी के बाद महिला में कोई शारीरिक परिवर्तन नहीं होता है, हो सकता है कि अब और बच्चे जनने की चिन्ता दूर हो जाने से महिला का स्वास्थ्य और सुधर जाये। नसबन्दी के बाद कोई शारीरिक तकलीफ नहीं होती, अगर कमर या पॉंव में दर्द होता है, तो वह किसी अन्य बीमारी के कारण हो सकता है, ऐसे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए।


सुरक्षित है नसबंदी

एसीएमओ आरसीएच डॉ एपी सिंह ने बताया कि महिला नसबन्दी बिल्कुल सुरक्षित है। नसबंदी के बाद महिला के स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जीने की सम्भावना कई गुना बढ जाती है। नसबंदी के पश्चात् महिला मातृ मृत्यु के विभिन्न कारणों से सुरक्षित रहकर स्वस्थ्य जीवन गुजार सकती है।


शुक्रवार को आयोजित होता है अंतराल दिवस

तरबगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ धीरज तिवारी ने बताया कि सीएचसी समेत पूरे जनपद में चिकित्सा इकाइयों पर प्रत्येक शुक्रवार को अंतराल दिवस का आयोजन होता है।


 इस दिन महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन लगाने के साथ ही गर्भनिरोधक गोलियां तथा परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श एवं सेवाएं बिल्कुल निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। महिला एवं पुरुष नसबंदी पर प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।



जारी हुआ महिला नसबंदी शिविरों का साप्ताहिक कार्यक्रम

परिवार नियोजन कार्यक्रम के वरिष्ठ जिला विशेषज्ञ राघवेंद्र प्रताप पाण्डेय ने बताया कि 27 अक्टूबर बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह मेंनसबंदी की सेवा प्रदान करने के साथ ही, 28 अक्टूबर वृहस्पतिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काजीदेवर तथा 29 अक्टूबर शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलधरमऊ और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा बाजार में नियत सेवा दिवस का आयोजन कर क्षेत्र की योग्य एवं इच्छुक महिलाओं को नसबंदी की सेवा प्रदान की जाएगी।

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