नवाबगंज (गोंडा) सरयू नदी के एक बार फिर से से रौद्र रूप धारण करने से तटीय इलाकों में तबाही मचना शुरू हो गया।
शुक्रवार को सरयू नदी खतरे के निशान से ३५ सेमी ऊपर पहुंच पहुंच गई। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सरयू के जल स्तर में प्रतिघंटे एक सेमी की रफ्तार में बृद्धि दर्ज की जा रही है। और अभी वृद्धि का क्रम जारी रहेगा।
सरयू नदी से सटे तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है तथा हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है।
नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी से अभी और तबाही मचना तय है। तटवर्ती इलाकों के लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। क्षेत्र के दत्तनगर, गोकुला,साखीपुर, तुलसीपुर माझा, जैतपुर,माझा राठ, दुर्गा गंज माझा, दुल्लापुर, महेशपुर,ब्यौंदा माझा में मे स्थिति बदतर होती जा रही है।
मुख्य मार्ग से इन गांवों का सम्पर्क टूट चुका है।लोग पानी में चल कर आने जाने के लिए मजबूर हैं। प्रशासन की तरफ की गई नाव की व्यवस्था नाकाफी है।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि वह बाढ़ की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक उनका हाल जानने कोई नहीं पहुंचा।नवाबगंज से ढेमवा घाट मार्ग पर तीन जगह सड़क पर पानी का तेज बहाव होने से आवा गमन बाधित हो गया है।
सड़क पर पानी का बहाव तेज होने से पैदल पानी में चलना मुश्किल हो रहा है। ढेमवा घाट पुल के पास सरयू नदी के तेज बहाव की वजह से मुख्य मार्ग नदी के कटान के जद में आ गया है।
हालांकि प्रशासन कटान को रोकने के प्रयास में जुट गया है। लेकिन अगर सरयू का वेग थमा नहीं तो पूरी सड़क सरयू के कटान में समाहित हो सकता है।
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